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अबू धाबी में हैं अशरफ गनी, यूएई ने मानवीय आधार पर दी शरण

इससे पहले रूस की सरकारी मीडिया ने दावा किया था कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 18, 2021 20:09 IST
Afghanistan President Ashraf Ghani, Family Given Shelter in UAE on 'Humanitarian Grounds'- India TV Hindi
Image Source : AP अशरफ गनी का पता लग गया है। वह अबू धाबी में हैं।

अबू धाबी: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी का पता लग गया है। वह अबू धाबी में हैं। बताया जा रहा है कि संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। इसकी पुष्टि यूएई ने खुद की। तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे। यूएई की सरकारी समाचार समिति ‘डब्ल्यूएएम’ ने बुधवार को अपनी एक खबर में यह जानकारी दी। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि गनी देश में कहां हैं। इसमें देश के विदेश मंत्रालय के एक लाइन वाले बयान को उद्धत किया गया है।

इससे पहले रूस की सरकारी मीडिया ने दावा किया था कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये। पहले गनी के अफगानिस्तान से भागकर पड़ोसी देशों ताजिकिस्तान या उज्बेकिस्तान जाने की बात सामने आई थी। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में गनी ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था। 

उन्होंने लिखा कि उनके सामने दो मुश्किल विकल्प थे, पहला राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश कर रहे हथियारबंद तालिबान और दूसरा अपने प्रिय देश को छोड़ना, जिसकी रक्षा में मैने अपने जीवन के 20 साल लगा दिये। उन्होंने कहा, ‘‘अगर फिर से अनगिनत संख्या में देश के नागरिक शहीद होते और काबुल में विध्वंस ही विध्वंस होता तो करीब 60 लाख की आबादी वाले शहर के लिए उसका परिणाम बेहद घातक होता। तालिबान ने मुझे हटाने का फैसला कर लिया था, वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। ऐसे में रक्तपात से बचने के लिए, मुझे वहां से निकलना ही मुनासिब लगा।’’

गनी ने कहा, ‘‘तालिबान ने हथियार के बल पर लड़ाई जीत ली है और अब देशवासियों के सम्मान, धन और आत्मसम्मान की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। पेशे से शिक्षाविद और अर्थशास्त्री गनी अफगानिस्तान के 14वें राष्ट्रपति थे। पहली बार 20 सितंबर 2014 और दूसरी बार 28 सितंबर, 2019 में वह राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल कर पद पर आसीन हुए थे। गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर 1996 से 2001 तक तालिबान का शासन था और 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका नीत सैन्य बलों ने देश से उसका शासन समाप्त कर दिया था।

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