अफगानिस्तान में शनिवार को हुए संसदीय चुनावों में जबर्दस्त हिंसा हुई। चुनाव के दिन भारी बंदोबस्त के बावजूद देश भर में 193 हमलों की खबरें मिलीं। इन हमलों में 67 लोगों की मौत हो गई, वहीं 126 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे पहले आतंकवादी संगठन तालिबान ने शनिवार को हुए चुनावों का बहिष्कार करते हुए बड़े हमलों की धमकी दी थी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव 2015 में होने थे, ये अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से 3 साल देरी से हो रहे हैं।
अफगानिस्तान के उप गृह मंत्री अख्तर मुहम्मद इब्राहिमी ने बताया कि सुबह 7 बजे मतदान के शुरू होते ही देश भर में तालिबान के हमले शुरू हो गए और मतदान खत्म होने के समय शाम 6 बजे तक जारी रहे। शनिवार को हुए भीषण हमलों में सबसे खतरनाक राजधानी काबुल में हुए एक आत्मघाती हमला था। इसके अलावा विभिन्न मतदान केंद्रों के बाहर भी लगातार हमले होते रहे।
इब्राहिमी ने कहा कि इन हमलों में 27 आम नागरिक मारे गए वहीं 100 से अधिक को गाली लगी। वहीं सुरक्षा बलों के भी 9 जवान मारे गए तथा 25 घायल हो गए। इसके अतिरिक्त इन हमलों में 31 तालिबानी लड़ाके मारे गए वहीं 18 को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि 2014 में हुए राष्ट्रपति चुनावों के दौरान हुई हिंसा के मुकाबले यह आंकड़ा आधा है। इन हमलों बावजूद सरकारी प्रवक्ता हारून चखनसोरी ने इन चुनावों को सफल और आतंकवादियों की हार बताया।