काबुल: अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव में हुई हिंसा में शनिवार को 130 से अधिक लोग हताहत हुए है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कई मतदान केन्द्रों पर हिंसा हुई जिसके कारण इन केन्द्रों को नहीं खोला जा सका और मतदाता घंटों पंक्तियों में खड़े रहे। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहिबुल्लाह जीर ने एएफपी को बताया कि ज्यादातर लोग काबुल में हताहत हुए है जहां कई विस्फोटों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 78 लोग घायल हो गये।
तालिबान ने ‘‘अपने जीवन की रक्षा के लिए’’ मतदाताओं को चुनावों का बहिष्कार किये जाने की चेतावनी दी थी। चुनाव आयोजकों का कहना है कि मतदाता पंजीकरण सूचियों और बॉयोमीट्रिक सत्यापन उपकरणों में गड़बड़ी के कारण विलंब होने से 360 मतदान केन्द्रों पर रविवार तक मतदान की अवधि बढाई जायेगी। अस्पताल के निदेशक मार्जिया याफतली ने एएफपी को बताया कि हिंसा से मतदान बाधित हुआ। उत्तरी कुंदुज शहर में तीन लोगों की मौत हुई और 39 अन्य घायल हो गये।
प्रांतीय आईईसी निदेशक मोहम्मद रसूल उमर ने बताया कि कुंदुज शहर से कई किलोमीटर दूर एक मतदान केन्द्र पर तालिबान हमले में स्वतंत्र निर्वाचन आयोग (आईईसी) के कर्मचारी की मौत हो गई और सात अन्य लापता हो गये। कई मतपत्र बक्सों को भी नष्ट कर दिया गया। प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी प्रांत नांगरहार में आठ विस्फोट हुए जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गये। हिंसा के खतरे के बावजूद प्रमुख शहरों में मतदान केन्द्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता दिखाई दिये जहां उन्होंने कई घंटों तक मतदान केन्द्र खुलने का इंतजार किया।
लंबे समय बाद हो रहे संसदीय चुनाव के लिए लगभग 90 लाख मतदाता पंजीकृत थे। हमले के बाद कंधार में मतदान में एक सप्ताह तक का विलंब हुआ। तालिबान ने दावा किया कि शनिवार को मतदान वाले स्थानों, जांच चौकियों और सैन्य स्थलों पर 318 हमले किये गये। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मतदान की शुरुआत में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने ‘‘हर अफगानी, युवाओं और वृद्धों, महिलाओं और पुरूषों’’ से मतदान करने का आग्रह किया। शुरूआती परिणाम 10 नवम्बर को जारी किये जायेगे लेकिन इस तरह की चिंताएं है कि यदि बायोमीट्रिक सत्यापन उपकरण टूटे हुए या नष्ट पाये जाते है तो समस्या हो सकती है।