वाशिंगटन: विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान से निकाले गए जोखिमों का सामना कर रहे अफगान लोगों को कम से कम 13 देशों ने अस्थायी तौर पर शरण देने पर सहमति जताई है और अमेरिका एवं अन्य समेत लगभग 12 और देशों ने निकाले गए लोगों को ले जाने के लिए पारगमन केंद्रों के तौर पर उनका इस्तेमाल किए जाने पर सहमति व्यक्त की है।
ब्लिंकन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि संभावित अफगान शरणार्थियों जिनकी अमेरिका में पुनर्वास की पहले से व्यवस्था नहीं की गई है उन्हें अल्बानिया, कनाडा, कोलंबिया, कोस्टा रीका, चिली, कोसोवो, उत्तरी मकदूनिया, मेक्सिको, पोलैंड, कतर, रवांडा, यूक्रेन और यूगांडा में केंद्रों में जगह दी जाएगी।
पारगमन देशों में बहरीन, ब्रिटेन, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, कजाखस्तान, कुवैत, कतर, ताजिकिस्तान, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। ब्लिंकन ने कहा, "हमें अन्य देशों द्वारा सहायता प्रदान करने पर विचार किए जाने से खुश हैं। विदेशों में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा और सहयोगी देशों के नागरिकों तथा जोखिम वाले अफगानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से बड़ी हमारी कोई अन्य प्राथमिकता नहीं है।”
अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी मिशन पर अमेरिका की पैनी नजर बनी रहेगी: बायडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद निरोधी अभियान पर पैनी नजर बनाकर रखेगा। उन्होंने तालिबान को चेतावनी दी कि काबुल हवाईअड्डे पर उसके अभियानों में कोई गड़बड़ी की गई या अमेरिकी बलों पर हमला हुआ तो उसे इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में बायडेन ने कहा, ‘‘हमने तालिबान के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी हमला, हमारे बलों पर हमला, हवाईअड्डे पर हमारे अभियानों में गड़बड़ी का तेजी से एवं शक्तिशाली तरीके से जवाब दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हवाईअड्डे और उसके इर्दगिर्द किसी भी संभावित आतंकवादी हमले, अफगानिस्तान में आईएसआईएस से संबंधित संगठनों से खतरे पर हम करीब से नजर रख रहे हैं। जैसा कि मैंने कहा, हम हमारे आतंकवाद निरोधी मिशन पर पैनी नजर बनाकर रखेंगे, हमारे सहयोगियों और साझेदारों और उन सभी के साथ मिलकर काम करेंगे जिनकी क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में दिलचस्पी है।’’
बायडेन ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह नाटो सहयोगियों से मुलाकात कर आगे के रास्ते पर चर्चा की ताकि अमेरिका तथा सहयोगियों पर आतंकवादी हमला करने के लिए ठिकाने के रूप में अफगानिस्तान का इस्तेमाल नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमारे नाटो सहयोगियों से बात की है। हमने अपने नाटो सहयोगियों से बात की है। हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दुनियाभर के अपने समकक्षों तथा सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं। ’’