काबुल: अमेरिका के एक ड्रोन हमले में बच गए अफगानिस्तान के लोगों ने कहा है कि इस मामले में माफी मांगा जाना काफी नहीं है, जांच कर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए। इस हमले में 7 बच्चों सहित उनके परिवार के 10 सदस्य मारे गए थे। एमल अहमदी की 3 साल की बेटी मलिका की 29 अगस्त को तब मौत हो गई थी, जब अमेरिकी हेलफायर मिसाइल उनके बड़े भाई की कार से टकरा गई थी। अहमदी ने शनिवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि परिवार इस मामले में अमेरिका से इस बारे में जांच की मांग करता है कि ड्रोन किसने दागा और उन्होंने हमले के लिए जिम्मेदार सैन्य कर्मियों को दंडित करने की मांग की है।
अहमदी ने कहा, ‘हमारे लिए केवल खेद जताना काफी नहीं है। अमेरिका को उन लोगों का पता लगाना होगा जिन्होंने यह हमला किया।’ अहमदी ने कहा कि परिवार अपने नुकसान के लिए वित्तीय मुआवजे की भी मांग कर रहा है। उन्होंने मांग की कि परिवार के कई सदस्यों को किसी तीसरे देश में भेजा जाए और उस देश का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाए। अमेरिका की सेना ने माना है कि अफगानिस्तान से उसके सैनिकों की वापसी से कुछ दिन पहले एक जानलेवा ड्रोन हमला उसकी ‘भयावह गलती’ थी क्योंकि इसमें ‘ISIS-K’ के आतंकवादियों के बजाय 7 बच्चों समेत 10 बेगुनाह अफगान नागरिक मारे गए थे।
अमेरिका की मध्य कमान के कमांडर जनरल केनेथ फ्रैंक मैक्केंजी ने 29 अगस्त के हमले की जांच के नतीजों पर पत्रकारों से यह भी कहा कि ड्रोन हमले में क्षतिग्रस्त हुए वाहन और मारे गए लोगों के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत-खुरासन (ISIS-K) से जुड़े होने या अमेरिकी सेना के लिए कोई प्रत्यक्ष खतरा होने की आशंका नहीं थी। उन्होंने कहा कि हालांकि इस हमले को इस्लामिक स्टेट के हमले के बाद हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर जमीनी हालात के संदर्भ में ही समझा जाए। हवाईअड्डे पर हुए हमले में अमेरिका के 13 सैनिक मारे गए थे और 100 से अधिक नागरिकों ने जान गंवाई थी।
खुफिया अधिकारियों ने इसके बाद एक और आसन्न हमले का संकेत दिया था। जनरल मैक्केंजी ने कहा कि जांच के नतीजों की विस्तार से समीक्षा करने के बाद वह इस बात से सहमत हैं कि 29 अगस्त को काबुल में हेलफायर मिसाइल से हमले में 7 बच्चों समेत 10 नागरिक मारे गए,जो दुखद है।