काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि उनके पास 'धरती पर सबसे बुरा काम' है और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सितंबर 2014 में पद संभालने के बाद ये 3 वर्ष मुश्किल भरे रहे हैं। राष्ट्रपति ने BBC को दिए खास इंटरव्यू में कहा, ‘यह धरती पर सबसे बुरा काम है।’ उन्होंने कहा, ‘हमलोग 12 वर्ष की उम्र में 30 वर्ष के उम्र के जैसे जिम्मेदारी निभा रहे हैं, लेकिन हम प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं। प्रबंधन और नेतृत्व के क्षेत्र में चीजें सही दिशा में बढ़ रही हैं।’
नाटो सेना के संबंध में उन्होंने कहा कि वे लोग 4 वर्षो के अंदर यहां से चले जाएंगे। गनी ने कहा, ‘देश में लगभग 14,000 नाटो सैनिक हैं जो अफगान सैनिकों को प्रशिक्षित, सुझाव और सहयोग देते हैं। इसका उद्देश्य अफगानी सैनिकों को मजबूत करना है, ताकि वे तालिबान से युद्ध कर सकें।’ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, ‘तालिबान के दो रणनीतिक उद्देश्य सरकार को उखाड़ फेंकना या दो राजनीतिक भूभागों का निर्माण करना है। तालिबान दोनों लक्ष्य पाने में बुरी तरह विफल रहा है।’
अशरफ गनी ने आगे कहा, ‘तालिबान विश्व में सबसे ज्यादा हेरोइन आयातक है। दुनिया क्यों नहीं हेरोइन पर ध्यान दे रही है? क्या यह विचारधारा की लड़ाई है या यह ड्रग्स की लड़ाई है। अर्थव्यवस्था के इस अपराधीकरण से निपटना जरूरी है।’ उन्होंने इस इंटरव्यू में तालिबान को लेकर अपने रुख पर भी बात की। राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान के साथ शांति समझौता हमारा आखिरी उद्देश्य है।