ताशकंद। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से आतंकवाद में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए अफगान राष्ट्रपति अशरफ घनी ने शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने ही पाकिस्तान को लताड़ा है। उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अफगान शांतिवार्ता को लेकर एक अहम बैठक हो रही है और उसी बैठक में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, अफगान मामले पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मई खलीलजाद समेत कई मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेता शामिल हैं और भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक मे पंहुचे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा है कि पाकिस्तान तालिबानी आतंकवादियों को अफगान सीमा में घुसने से रोक नहीं रहा है और साथ में पाकिस्तान तालिबान को सफल शांतिपूर्ण वार्ता के लिए भी नहीं मना सका है। अशरफ घनी ने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया कि या तो वह अफगान शांतिवार्ता में रचनात्मक भूमिका निभाए या फिर अफगानिस्तान की सेना अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की मदद की अपील की
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सेवा के प्रमुख ने तालिबान के हमले के प्रभाव से निपटने, देश की एक तिहाई आबादी को कुपोषण से बचाने, सूखे की गंभीर स्थिति के लिहाज से और इस साल स्वदेश आए 6,27,000 अफगानों, जिनमें से अधिकतर पड़ोसी ईरान से लौटे हैं, ऐसे लोगों की मदद के लिए बृहस्पतिवार को 85 करोड़ डॉलर की मदद की अपील की। रमीज अलकबरोव ने राजधानी काबुल से डिजिटल तरीके से बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को बताया कि कम से कम आठ करोड़ अफगानों को सहायता की आवश्यकता है और संयुक्त राष्ट्र की इनमें से कम से कम 1.57 करोड़ लोगों को मदद देने की योजना है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 1.3 अरब डॉलर की अपील की थी लेकिन सिर्फ 37 प्रतिशत रकम यानी 45 करोड़ डॉलर ही जुटाए जा सके हैं।