नई दिल्ली. अफगानिस्तान में जो मौजूदा हालात हैं और तालिबान जिस तरह से वहां के लोगों पर अत्याचार कर रहा है उसकी सारी वजह पाकिस्तान है। अफगानिस्तान की पॉप स्टार अर्याना सईद ने वहां पर तालिबान की वापसी के बाद पैदा हुए हालात के लिए पूरी तरह से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव डालने का आरोप लगाया है और कहा है कि अफगानिस्तान के लोग आज जो कुछ भी झेल रहे हैं उसके पीछे की वजह पाकिस्तान ही है।
अर्याना सईद ने कहा कि तालिबान को पाकिस्तान ने न सिर्फ फंडिंग मुहैया कराई है बल्कि उसे लड़ाकों को प्रशिक्षित भी किया है, उन्होंने कहा कि तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी से पहले उनका बेस पाकिस्तान में ही था। अर्याना सईद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई है कि वह पाकिस्तान को पैसा देना बंद करे क्योंकि पाकिस्तान उस पैसे का इस्तेमाल तालिबान की मदद करके अफगान नागरिकों के खिलाफ कर रहा है।
पत्रकार ने जब अर्याना से पूछा कि क्या सारी मुसीबत के लिए क्या आप पाकिस्तान को वजह मानते हो तो उन्होंने कहा, "बिल्कुल, पिछले कई सालों के दौरान हमने कई वीडियो और सबूत देखें हैं जो यह साबित करता है कि तालिबान के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, जब भी सुरक्षाबल किसी तालिबान को पकड़ते थे तो उसके पास से पाकिस्तानी पहचान पत्र मिलता था।"
पॉप स्टार ने कहा, "सालों से अबतक हमने ऐसे वीडियो और सबूत देखे हैं कि तालिबान को सशक्त बनाने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। मैं उन्हें दोष देती हूं और मुझे उम्मीद है कि वे पीछे हटेंगे और अफ़ग़ानिस्तान की राजनीति में अब और दखल नहीं देंगे। अफगान पॉप स्टार आर्यना सईद ने अशरफी गनी के काबुल छोड़ने को लेकर भी निराशा जाहिर कीइ। उन्होंने कहा, "मैं वास्तव में राष्ट्रपति (अशरफ गनी) से निराश हूं, जिस तरह से उन्होंने अफगानिस्तान को पाकिस्तानियों के एक समूह के हाथों छोड़ दिया। उसने हमारे लोगों, हमारे देश, हमारे सशस्त्र बलों, सेना को नीचा दिखाया। हम बिना किसी नेता के कैसे लड़ सकते हैं? .."
भारत को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, "पूरे अफगानिस्तान की ओर से, मैं भारत के प्रति अपना अत्यंत आभार व्यक्त करना चाहती हूं और मैं आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं। इन वर्षों में हमने महसूस किया है कि हमारे पड़ोस में एकमात्र अच्छा मित्र भारत है। भारत हमेशा हमारे लिए अच्छा रहा है। वे एक सच्चे दोस्त रहे हैं, वे हमारे लोगों के लिए बहुत मददगार और दयालु रहे हैं जो भारत में शरणार्थी थे। मैं अपने जीवन में जितने भी अफ़गानों से मिला हूँ, जो पहले भारत में थे, उन्होंने भारतीय लोगों के बारे में बहुत अच्छी बात की है। हम आभारी हैं।"