जकार्ता: एक बड़े बम धमाके के मास्टरमाइंड को अब जेल से रिहा किया जा रहा। इस बम धमाके में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। हम बात कर रहे हैं अबु बकर बशीर की। बकर ने 2002 के बाली धमाके की योजना तैयार की थी। अब इंडोनेशिया की सरकार का कहना है कि चूंकि उसकी सजा पूरी हो गई है, इसलिए उसे छोड़ दिया जाएगा। 82 साल के अबु बकर बशीर को इंडोनेशिया के सबसे अधिक कुख्यात चरमपंथियों में गिना जाता है। बाली में बम हमले के सिलसिले में गिरफ़्तार किए जाने से पहले तक बकर मध्य जावा के सोलो शहर में इस्लामी शिक्षा का एक अध्यापक था।
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बकर अब भी ज़ोर देकर कहता है कि वह साधारण अध्यापक है लेकिन इंडोनेशिया और विदेशों में बहुत से लोगों का कहना है कि बकर जमा इस्लामिया संगठन का आध्यात्मिक नेता था या है। जमा इस्लामिया के बारे में कहा जाता है कि उसका संबंध अल क़ायदा से है। जमा इस्लामिया नेटवर्क पर आरोप है कि उसने इंडोनेशिया में कई बड़े धमाके किए और उसके लोगों को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और फिलिपीन्स में ट्रेनिंग मिली थी।
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शुक्रवार को अबु बकर बशीर को छोड़ दिया जाएगा
इंडोनेशिया की सरकार ने कहा है कि शुक्रवार को अबु बकर बशीर को जेल से छोड़ दिया जाएगा। उसपर इंडोनेशिया की पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकार्णोपुत्री की हत्या की साज़िश में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था लेकिन अभियोजन पक्ष को ये आरोप साबित करने के लिए ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी।
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उसके नाम का फिर से किया जा सकता है इस्तेमाल
2002 में बाली में धमाके करने और एक साल बाद जकार्ता के जेडब्ल्यू मैरिअट होटल पर हमला करने के आरोप जमा इस्लामिया पर लगे थे। सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इंडोनेशिया के जिहादी आंदोलन में अबु बकर बशीर की काफी बड़ी छवि है और यह असंभव नहीं है कि उसके नाम का फिर से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।