इस्लामाबाद: पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले करीब 45 फीसदी बच्चे कक्षा दूसरी के छात्रों की अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते हैं। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, एनुअल स्टेट्स ऑफ एडुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर)को शिक्षा मंत्री शफकत महमूद व योजना मंत्रालय के उप चेयरमैन मोहम्मद जेहानजेब खान ने लॉन्च किया।
वर्ष 2019 की अपनी रिपोर्ट में एएसईआर ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवीं कक्षा के केवल 59 फीसदी छात्र उर्दू और सिंधी और पश्तो सहित अन्य स्थानीय भाषाओं में कहानियां पढ़ सकते हैं, जो दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। इसके अलावा सिर्फ पांचवीं कक्षा के 57 फीसदी छात्र, कक्षा दो के छात्रों के दो अंकों की भाग के सवाल को हल कर सकते हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पांचवीं कक्षा के 60 फीसदी छात्र समय ठीक से बता सकते हैं और जोड़ के सवाल हल कर सकते हैं। सिर्फ 53 फीसदी छात्र गुणा के सवाल हल कर सकते हैं।
डॉन न्यूज ने रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि निजी क्षेत्र के स्कूलों में नामांकित छात्र बेहतर नतीजे दे रहे हैं। इसमें छात्र, छात्राओं को पीछे छोड़ रहे हैं। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि निजी क्षेत्र के स्कूल अच्छी तरह सुसज्जित हैं और सरकारी या पब्लिक सेक्टर की संस्थाओं से ज्यादा सुविधाएं देते हैं।
स्कूलों में काम कर रहे शौचालयों को लेकर भारी अंतर पाया गया है। 59 फीसदी सरकारी स्कूलों की तुलना में 89 फीसदी निजी सेक्टर के स्कूलों में बाथरूम बेहतर हालत में हैं।