लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गवर्नर के आग्रह के बावजूद सिख किशोरी ने शनिवार को घर लौटने से इंकार कर दिया। कथित तौर पर अपहृत और धर्मांतरित किशोरी की मुस्लिम युवक से शादी की गई। एक अधिकारी ने कहा पंजाब के गवर्नर चौधरी मोहम्मद सरवर ने लाहौर में एक आश्रय स्थल पर किशोरी से मुलाकात की और उससे घर वापस लौट जाने का अनुरोध किया लेकिन किशोरी ने जान को खतरा बताते हुए वापस जाने से इनकार कर दिया।
एक सिख ग्रंथी की इस बेटी को एक अदालत के आदेश के बाद शुक्रवार को दारुल अमन (आश्रय स्थल) भेजा गया था। उसने न्यायाधीश को बताया था कि उसकी मर्जी से ही उसका विवाह इलाके में रहने वाले मोहम्मद हसन से हुआ है। किशोरी के परिवार का आरोप है कि बंदूक की नोक पर उसका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़के से शादी के लिये मजबूर किया गया। परिवार का कहना है कि वह 18 साल की है।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "गवर्नर सरवर ने लाहौर के दारुल अमन में सिख लड़की से मुलाकात की और उसे परिजनों के पास घर भेजने की पूरी कोशिश की लेकिन उसने इनकार कर दिया।"
उन्होंने कहा कि लड़की ने गवर्नर को बताया कि वह हसन से प्यार करती है और उसने अपनी मर्जी से उससे शादी की। उसने अपनी जान को खतरा बताकर लाहौर से 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब में स्थित अपने घर वापस लौटने से इनकार कर दिया। इससे पहले बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने हसन के मित्र अरसलान को भी गिरफ्तार किया था। वह भी मामले में मुख्य आरोपी है और फिलहाल गिरफ्तारी से पूर्व जमानत पर है। पुलिस ने शनिवार को दस और लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें हसन के रिश्तेदार और दोस्त शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि गवर्नर ने किशोरी से यह तक कहा कि "धर्म से बाहर उसकी शादी धार्मिक मुद्दा बन रहा है और ननकाना साहिब में सिखों और मुसलमानों के बीच तनाव है, लेकिन वह नहीं मानी।" इससे पहले ननकाना साहिब में सिख समुदाय ने लड़की को वापस उसके परिवार के पास भेजने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
पंजाब प्रांत की सरकार ने नाराज सिखों के साथ वार्ता करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि ननकाना साहिब में सिख समुदाय ने गुरुद्वारा जन्मस्थान समेत सभी गुरुद्वारों में मुस्लिमों के प्रवेश पर तब तक रोक लगा दी है, जब तक किशोरी अपने परिवार से मिल नहीं जाती और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती।
पंजाब पुलिस ने राज्य के कानून मंत्री राजा बशारत के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसे हालात शांत करने के लिए ननकाना साहिब भेजा गया है। यह समिति 30 सदस्यीय समिति से वार्ता करेगी जिसका गठन इस घटना को लेकर पाकिस्तान के सिख समुदाय ने किया है। पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव अमीर सिंह ने ‘पीटीआई’ से कहा कि ननकाना साहिब में हालात काबू में हैं। ‘‘उम्मीद है कि यह मामला सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि ननकाना साहिब में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं।