इस्लामाबाद: पाकिस्तान में ईश-निंदा की दोषी ठहराई गई एक ईसाई महिला के परिवार ने जल्दी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। गौरतलब है कि 2010 में आसिया बीबी नाम की इस महिला को मौत की सजा सुनाई गई थी। ईश-निंदा मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद नवंबर 2010 में आसिया बीबी (51) को मौत की सजा सुनाई गई थी। 2014 में लाहौर हाई कोर्ट ने उनकी सजा बरकरार रखी थी इसके बाद आसिया ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2015 में आसिया की फांसी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और आसिया जेल में बंद हैं। पंजाब के तत्कालीन गवर्नर सलमान तासीर के उसके मुकदमे की फिर से सुनवाई की अपील करने और बाद में उनके पुलिस सुरक्षाकर्मी मुमताज कादरी द्वारा उनकी जनवरी 2011 में हत्या कर दिए जाने के कारण आसिया का मामला सुर्खी में आ गया था। द एक्सप्रेस टिब्यून ने खबर दी है कि आसिया के पति और दो बेटियों सहित उसके परिवार एवं उसके वकील सैफुल मलूक कल सुप्रीम कोर्ट गए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसिया के परिजनों ने एडिशनल रजिस्ट्रार (न्यायिक) से मुलाकात की और चीफ जस्टिस साकिब निसार से मुलाकात कराने को कहा ताकि वे जल्द सुनवाई के लिए उनसे तारीख तय करने की अपील कर सकें। मलूक ने बताया कि परिवार को चीफ जस्टिस से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि आसिया की एक बेटी मानसिक बीमारी से जूझ रही है और परिवार मामले में शीघ्र सुनवाई चाहता है। आसिया के पति और बेटियां कोर्ट परिसर पहुंचने पर डरी हुई थी और पत्रकारों से बात करने के प्रति अनिच्छुक थी।