बगदाद। ईरान की न्यूज एजेंसी इरना न्यूज ने दावा किया है कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में 80 लोगों की मौत हुई है, हालांकि ईरान के सरकारी टेलिविजन टैनल प्रेस टीवी ने इन खबरों की पुष्टी नहीं की है। बुधवार सुबह ईरान ने इराक स्थित ऐसे कम से कम दो सैन्य अड्डों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। जानकार मान रहे हैं कि ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने दुनिया के सामने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।
सुलेमानी पर हमले का आदेश शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है और वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने ईरान के मिसाइल हमले की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘ हम युद्ध में हुए प्रारंभिक नुकसान का आकलन कर रहे हैं।’’ हॉफमैन ने बताया कि सात जनवरी को शाम साढ़े पांच बजे ‘‘ ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बलों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि ये मिसाइलें ईरान ने दागी और इराक में अल-असद और एरबिल स्थित कम से कम दो इराकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।’’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प को मौजूदा स्थिति की जानकारी दे दी गई है। ग्रिशम ने कहा, ‘‘ हम इराक में अमेरिकी केन्द्रों पर हमले की खबरों से वाकिफ हैं। राष्ट्रपति को इसकी जानकारी दे दी गई है और वह स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं तथा राष्ट्रीय सुरक्षा दल से परामर्श कर रहे हैं। ’’ गौरतलब है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के अगुवा हुसैन सलामी ने अमेरिका के समर्थन वाले स्थानों को “आग के हवाले” करने की मंगलवार को धमकी दी थी। सलामी ने कर्मन के एक चौराहे पर जमा हुए हजारों लोगों के सामने यह प्रतिज्ञा ली थी। कर्मन मृतक जनरल कासिम सुलेमानी का गृह प्रदेश है। सुलेमानी की मौत के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण हैं।