कॉक्सबाजार: रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों को बांग्लादेश ले कर जा रही, क्षमता से अधिक भरी नौका के आज डूब जाने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य लापता हो गए। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। म्यांमार में सेना की कार्वाई के बाद से करीब पांच लाख मुस्लिम शरणार्थी बांग्लादेश चले गए हैं। यह नौका म्यांमार और बांग्लादेश को अलग करने वाली नफ नदी के मुहाने पर डूबी है। अनुमान है कि नौका में 50 लोग सवार थे। बचकर भाग रहे रोहिंग्या समुदाय के लोग अक्सर ऐसी त्रासदियों का शिकार होते हैं। रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा को संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार अधिकारियों द्वारा किया जा रहा जातीय सफाया बताया है। (अमेरिका के सुधरते संबंधों पर पाक मीडिया खुश लेकिन, नीयत पर अब भी शक)
अगस्त महीने में मुस्लिम उग्रवादियों के हमले के बाद म्यामां की सेना ने छानबीन अभियान चलाया। इसके बाद रोहिंग्या समुदाय का प्रवास शुरू हुआ था। इस अवधि में अभी तक करीब एक दर्जन नौकाएं डूबने से लगभग 200 लोगों की मौत हुई है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के एरिया कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एस.एम. आरिफ-उल-इस्लाम ने एएफपी को बताया कि नौका में अनुमानित तौर पर 50 लोग सवार थे। आठ शव बह कर नदी के तट पर आ गए जबकि 21 लोग सुरक्षित बच गए।
इस्लाम ने कहा, आठ लोगों की मौत हुई है। इसमें अधिकतर बच्चे है। यह मछली पकड़ने वाली छोटी नौका थी। यह क्षमता से अधिक भरी होने के कारण डूब गई। उन्होंने कहा कि तट रक्षक और सीमा गार्ड नफ नदी में बचाव एवं राहत अभियान चला रहे हैं। एक अन्य बॉर्डर गार्ड ने एएफपी के बताया कि यह नौका बांग्लादेश के तट से करीब 200 मीटर दूर डूबी। इससे करीब एक सप्ताह पहले नफ नदी के मुहाने पर रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों से भरी एक अन्य नौका डूब गई थी।