काठमांडू: ‘हिमालय की वियाग्रा’ के नाम से मशहूर दुर्लभ जड़ी-बूटी यार्सागुम्बा की खोज में पहाड़ों में गए 8 लोगों की मौत हो गई। पुलिस द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, नेपाल के डोल्पा जिले में यार्सागुम्बा को इकट्ठा करते वक्त इन 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। आपको बता दें कि अपने कामोतेजक गुणों के लिए विख्यात दुर्लभ जड़ी-बूटी यार्सागुम्बा केवल 10,000 फुट से अधिक ऊंचे हिमालय के पहाड़ों में पाया जाता है।
पुलिस ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में इस दुर्लभ औषधि को इकट्ठा करते हुए कम से कम 8 लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से 5 लोगों की मौत ऊंचाई के हिसाब से शरीर के न ढलने के कारण हुई, जबकि 2 लोग इस बूटी को एक खड़ी चट्टान से बूटी को इकट्ठा करते वक्त नीचे गिर गए। इनमें सबसे दर्दनाक मौत एक बच्चे की हुई, जो अपनी मां के साथ इस बूटी को इकट्ठा करने गया था। बच्चे का शरीर पहाड़ की ऊंचाई के हिसाब से ढल नहीं पाया और बीमारी से उसकी मौत हो गई।
आपको बता दें कि हर गर्मियों में लोग इस बहुमूल्य जड़ी-बूटी की खोज में मीलों दूर से आते हैं, जो पूरे एशिया और अमेरिका में 100 अमरीकी डॉलर (लगभग 7,000 रुपये) प्रति ग्राम से भी अधिक में बिकती है। स्थानीय अधिकारियों ने यार्सागुम्बा को इकट्ठा करने वाले लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन स्वास्थ्य शिविरों में इस काम में लगे एक दर्जन से अधिक लोग इलाज करवा रहे हैं।