काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह नागरिक की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य घायल हो गए. हमला मुसलमानों के पाक दिन अशुरा के दो दिन पहले हुआ. पुलिस अधिकारी अब्दुल रहमान ने बताया कि हमलावर ने हुसैनिया मस्जिद से लगभग एक हजार मीटर दूर सड़क पर खुद को विस्फोट करके उड़ा लिया. यह हमला जुमे की नमाज के तुरन्त बाद तब हुआ जब नमाज़ी अपने घरों को लौट रहे थे.
हुसैनिया मस्जिद शहर में शियाओं के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है. काबुल के आपराधिक जांच निदेशक जनरल सलीम अलमास ने कहा, ‘हमलावर भेड़ों के एक झुंड को चरा रहा था और निशाने पर पहुंचने से पहले उसने हुसैनिया मस्जिद से 140 मीटर की दूरी पर खुद को उड़ा लिया.’ गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने फेसबुक पर लिखा कि हमले में पांच आम नागरिक मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए. तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.
काबुल के इमरजेंसी अस्पताल ने ट्विटर पर जानकारी दी कि वहां चार बच्चों सहित 19 घायल लोगों को भर्ती किया गया है. ट्विटर पर हमले की एक खौफनाक तस्वीर आयी है जिसमें एक रक्तरंजित शव दिख रहा है और उसके पीछे किसी व्यक्ति का पैर है. अब तक किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन हमले के तुरंत बाद तालिबान ने खुद को इससे दूर कर लिया. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि हमले का समूह से कोई लेना नहीं है.
पूर्व में सुन्नी समुदाय से आने वाले तालिबान और इस्लामी स्टेट के जेहादी अल्पसंख्यक शिया समुदाय को निशाना बनाकर हमले करते रहे हैं. एक दुकानदार ने बताया कि असैन्य पहरेदारों को हमलावर की गतिविधियों पर संदेह हुआ जिसके बाद आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया. असैन्य पहरेदारों ने मस्जिद से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक नाका बना रखा था. अफगानिस्तान ने मुर्हरम के पाक महीने में शिया मस्जिदों की सुरक्षा में मदद के लिए 400 से ज्यादा नागरिकों को प्रशिक्षण दिया है और हथियार दिए हैं. हमलावर साफ तौर पर मस्जिद के अंदर घुसना चाहता था और नमाजियों की भीड़ को निशाना बनाना चाहता था.