मॉस्को/बीजिंग: रूस की समाचार एजेंसी तास ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। LAC पर बीते कई सालों में हुई इस पहली खूनी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे। हालांकि चीन ने अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी है कि झड़प में उसके कितने सैनिकों की मौत हुई थी। बता दें कि रूसी समाचार एजेंसी ने यह खुलासा ऐसे समय पर किया है जब दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं को पैंगोंग झील से हटाने पर सहमत हो गए हैं।
चीन ने इसलिए नहीं बताया था मौतों का आंकड़ा
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद जहां भारत ने अपने शहीद हुए सैनिकों के बारे में पूरी जानकारी दी थी, वहीं चीन ने अपने सैनिकों की मौत पर कुछ नहीं कहा था। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, चीन ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि उसकी अमेरिका के साथ एक अहम बैठक थी और वह इस घटना को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहा था। इसीलिए चीन ने इस घटना पर चुप्पी साधे रखी थी। इस झड़प के बाद चीनी सोशल मीडिया के हवाले से मृत सैनिकों की कब्रों के फोटो भी सामने आए थे, लेकिन चीन ने फिर भी इस पर कोई बात नहीं की।
रक्षामंत्री ने कहा, सेनाओं को पीछे हटाए जाने पर बनी सहमति
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को देश को बताया कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है। सिंह ने बताया कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगोंग झील से पूर्ण तरीके से सेनाओं के पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत हो तथा बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए।