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म्यांमार में 300 रोहिंग्या गांवों को जलाया गया : ह्यूमन राइटस वॉच

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइटस वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने मंगलवार को कहा कि म्यांमार में अगस्त के अंत में भड़की हिसा के बाद से अब तक करीब 300 रोहिग्या गांवों को जला दिया गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 17, 2017 20:27 IST
Rohingya muslims- India TV Hindi
Rohingya muslims

नेपिडा: मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइटस वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने मंगलवार को कहा कि म्यांमार में अगस्त के अंत में भड़की हिसा के बाद से अब तक करीब 300 रोहिंग्या गांवों को जला दिया गया है। एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकार समूह ने राखिने राज्य में सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए आंशिक रूप से और पूरे जले हुए 288 गांव की पहचान की है, जहां लाखों रिहाइशी ढांचों को तबाह किया जा चुका है। 

एचआरडब्ल्यू के एशिया उप निदेशक फिल राबर्टसन ने कहा कि यह नवीनतम सेटेलाइट तस्वीरें बता रही हैं कि क्यों सिर्फ चार सप्ताह में ही करीब 5 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश भागने पर बाध्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार सेना ने रोहिंग्या समुदाय के सैकड़ों गांवों को तबाह कर दिया है। साथ ही हत्याओं, दुष्कर्म और मानवता के खिलाफ दूसरे अपराधों ने रोहिग्याओं को जान बचाने के लिए भागने को मजबूर कर दिया। 

एचआरडब्ल्यू ने कहा कि करीब 90 फीसदी प्रभावित गांव मोंग्डॉ शहर के हैं। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में रोहिंग्या लोगों के घरों को जला दिया गया जबकि उसी इलाके में बौद्ध लोगों के घरों को छुआ तक नहीं गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कम से कम 66 गांवों को 5 सितम्बर के बाद जलाया गया, हालांकि रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा हमले के बाद 25 अगस्त को शुरू हुई सरकार की कार्रवाई को तब तक समाप्त घोषित कर दिया गया था। 

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हिंसा के बाद 530,000 से ज्यादा रोहिंग्या लोगों को बांग्लादेश भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। राखिने में हिंसा के भड़कने से पहले 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या रह रहे थे।

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