बगदाद: संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने तीस लाख इराकियों के खाद्य संकट से जूझने की बात कही है, जिसमें विस्थापितों संग देश वापस आए लोगों की संख्या भी शामिल है। समाचार पत्र अल-सबाह की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्थिति के पीछे की वजह कोविड-19 महामारी और साल 2020 में तेल की कीमतों में आई गिरावट है। इराक में डब्ल्यूएफपी के प्रतिनिधि अब्दिरहमान मेयाग ने अल-सबाह को गुरुवार को बताया, "इराक की अर्थव्यवस्था अब भी तेल पर निर्भर है। वैश्विक तौर पर तेल की कीमतों में गिरावट और ओपेक (ओपीईसी) के उत्पादन में हुई कटौती का सीधा प्रभाव खाद्य संसाधनों पर पड़ा है। साथ ही इराकी दिनार के मूल्य में आई कमी से भी कुछ आम खाने-पीने की चीजें प्रभावित हुई हैं।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, मेयाग ने इराकी दिनार के अवमूल्यन का वर्णन महामारी के वक्त आई एक दूसरी चुनौती के रूप में किया, जिस वक्त कई लोगों ने अपनी नौकरी और कमाई के अन्य साधनों से हाथ धोया है। उन्होंने कहा, "सरकार को चाहिए कि वह इन समस्याओं पर गौर फरमाए उदाहरण के तौर पर, कुछ बुनियादी खाद्य पदार्थो पर सब्सिडी प्रदान करें, कीमतों को नियंत्रण में लाए इत्यादि।"
डब्ल्यूएफपी सहित कई और अंतर्राष्ट्रीय संगठन इराक में काम कर रहे हैं ताकि यहां कमजोर वर्गो की सहायता करने में सरकार की मदद जाए, ताकि इस युद्धग्रस्त देश में लोग कोरोनावायरस महामारी के चलते उत्पन्न हुई स्थिति और अन्य समस्याओं का बेहतरी से सामना कर सकें।