असदाबाद: अफगानिस्तान के कुनर प्रांत में बुधवार को 25 आतंकियों ने सरकारी अधिकारियों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया। कुनर प्रांत के गवर्नर मोहम्मद इकबाल सैयद द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘तालिबान के 20 और इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 5 आतंकियों ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी) के प्रांतीय निदेशालय में सरेंडर कर दिया।’ कुनार प्रांत की राजधानी असदाबाद में हुए एक आत्मसमर्पण समारोह में इन 25 आतंकियों ने अपने हथियार डाल दिए। समारोह से सामने आई तस्वीरों में सरेंडर करने वाले आतंकियों के गले में माला दिखाई दे रही है।
सैन्य दबाव के चलते सरेंडर को मजबूर हुए आतंकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के पर्वतीय क्षेत्र में आतंकियों पर अफगान सुरक्षाबलों द्वारा बनाए गए सैन्य दबाव के कारण ऐसा हुआ। बता दें कि पिछले महीने अमेरिका के एक निगरानी समूह ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के हमले बढ़ गए हैं, जिनमें सरकारी अधिकारियों, नागरिक संस्थाओं के नेताओं और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि अफगान सुरक्षाबलों ने देश के पर्वतीय क्षेत्र में आतंकियों पर काफी दबाव बनाया हुआ था जिसके चलते 10 मार्च को 25 आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया।
‘अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी पर फैसला नहीं’
इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा है कि बाइडेन प्रशासन वर्तमान में अफगानिस्तान पर अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है और युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। पिछले साल तालिबान और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए एक मई की समयसीमा निर्धारित की गई थी। संसद में विदेश मामलों की समिति की सुनवाई के दौरान ब्लिंकन ने कहा, ‘एक मई से पहले सैनिकों की वापसी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है, लेकिन हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास किया जा रहा है और अफगानिस्तान में टिकाऊ शांति के लिए समझौता किया जाएगा।’
मारे जा चुके हैं 2400 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक
ब्लिंकेन ने कहा, ‘हम सभी पक्षों से बात कर रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र से भी बात कर रहे हैं ताकि उद्देश्यपूर्ण समाधान निकले।’ अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से रविवार को बात की थी और दोनों ने अफगानिस्तान शांति वार्ता पर हालिया घटनाक्रम की चर्चा की। बाइडन प्रशासन ने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा फरवरी 2020 में तालिबान के साथ कतर के दोहा में किए गए समझौते की समीक्षा करने का फैसला किया है। इस समझौते के तहत अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाया जाएगा। वर्ष 2001 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिका के 2,400 से ज्यादा सैनिक मारे गये हैं।