लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्वास्थ्य विभाग के 2 कर्मियों को अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नाम से लाहौर के एक सरकारी अस्पताल में फर्जी कोरोना टीका प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नवंबर 2019 से लंदन में इलाज करा रहे शरीफ को नेशनल कमांड ऑपरेशन सेंटर (NCOC) के रिकॉर्ड के मुताबिक बुधवार को चीनी कोविड-19 रोधी टीके सिनोवैक की पहली खुराक दी गई। NCOC के रिकॉर्ड के मुताबिक शरीफ (71) को लाहौर के सरकारी कोट ख्वाजा सईद अस्पताल में टीका लगाया गया।
‘प्रधानमंत्री का नाम NCOC के आंकड़ों में शामिल’
यह प्रकरण पाकिस्तान में एक बड़े राजनीतिक तूफान में बदल गया है, जिसमें शरीफ के नेतृत्व वाले विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) ने प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्रियों को टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर निशाना बनाया है। PML (नवाज) पंजाब की प्रवक्ता आजमा बुखारी ने कहा कि सरकार ने जहां कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (CNIC) को ब्लॉक कर दिया गया है, वहीं 3 बार के प्रधानमंत्री का नाम NCOC के आंकड़ों में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘यह सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यह विडंबना है कि एनसीओसी के आंकड़ों में शरीफ का टीकाकरण रिकॉर्ड भी सामने आया है।’
पाकिस्तान में सामने आए 2357 नए मामले
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। पूर्व में फर्जी कोविड-19 टीका प्रमाणपत्र जारी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों को निलंबित या गिरफ्तार किया जा चुका है। NCOC के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के 2357 नए मामले सामने आए जबकि 58 मरीजों की महामारी से मौत हो गई। शरीफ भ्रष्टाचार के आरोप में कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे, जब लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें 4 सप्ताह की जमानत दी और इलाज के लिए देश छोड़ने की अनुमति दी थी।