बगदाद। शिया समुदाय के पवित्र शहर कर्बला में मंगलवार को नकाबपोश बंदूकधारियों ने इराकी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई जिसमें 18 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि इराक में सरकार में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और मूलभूत सेवाओं की कमी के विरोध में इस महीने की शुरुआत से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा में अब तक 240 लोगों की जान जा चुकी है।
शियाओं का तीर्थस्थल होने के कारण कर्बला में हुई हिंसा परिस्थितियों को नया मोड़ दे सकती है। सुरक्षाबलों द्वारा कड़े कदम उठाए जाने के साथ ही हमले के कारण का पता लगाना मुश्किल था। प्रत्यक्षदर्शियों ने एपी को बताया कि कुछ नकाबपोशों ने गोलियां चलाई। उनका कहना है कि वह नहीं जानते कि हमला करने वाले पुलिसकर्मी थे, विशेष दस्ता या ईरान से जुड़े लड़ाके। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इराकी सैनिकों को विरोध प्रदर्शन के स्थान पर तैनात किया गया था लेकिन हमलावरों ने जब गोलियां चलाना और आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू किए तब इराकी सैनिक पीछे हट गए।
प्रान्त के गवर्नर नसीफ अल खुताबी ने किसी भी प्रदर्शनकारी की मौत से इंकार किया है। उनका कहना है कि सुरक्षाबलों के कुछ लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर डाले गए वीडियो फर्जी हैं और वे कर्बला के नहीं हैं। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का बताया विवरण इसका विरोधाभासी है। मंगलवार का हमला कर्बला के ‘एजुकेशन स्क्वायर’ में हुआ जहाँ प्रदर्शनकारियों ने तंबू लगा रखे हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हमले का आरोप इराकी सुरक्षाबलों पर लगाया है।
एमनेस्टी में पश्चिम एशिया के शोध निदेशक लिन मालूफ ने कहा कि इराकी बलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलायीं और उन्हें तितर बितर करने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाए। आईआरएनए समाचार एजेंसी के अनुसार तेहरान में विदेश मंत्रालय ने ईरानियों को इराक जाने से मना किया है और अगली सूचना मिलने तक अपनी यात्रा स्थगित करने को कहा है।