कॉक्स बाजार: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने म्यांमार के नेताओं से सैन्य अभियान की वजह से भागे रोहिंग्या शरणार्थियों की पीड़ा को खत्म करने का आग्रह किया है। वहीं, रोहिंग्या समुदाय के लोगों को ले जा रही एक नौका बांग्लादेश की समुद्री सीमा में पलट गई। इस घटना में कम से कम 19 लोग डूब गए और कई के मरने की आशंका है। रोहिंग्या शरणार्थी संकट बढ़ने के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद म्यांमार पर खास सार्वजनिक बैठक करेगी। अमेरिका ने जातीय अल्पसंख्यकों के सफाए के लिए देश की आलोचना की जबकि बीजिंग और मॉस्को ने म्यांमार प्रशासन का समर्थन किया।
बौद्ध बहुल म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या विद्रोहियों के खिलाफ कठोर अभियान चलाने के बाद पिछले महीने 5 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भाग गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों और हादसे में बचे हुए लोगों ने बताया कि नाव शुक्रवार को अशांत समुद्र में तट से कुछ ही मीटर दूर थी लेकिन मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं के चलते यह पलट गई। एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद सुहैल ने बताया कि वे हमारी आंखों के सामने डूबे। मिनटों के बाद ही लहरें शवों को तट पर ले आईं। वर्ष 2009 से ही सुरक्षा परिषद के 15 में से 7 सदस्यों ने म्यांमार पर विश्व निकाय की पहली आम बैठक बुलाने के लिए वोट किया लेकिन वे किसी संयुक्त सहमति पर नहीं पहुंच पाए।
गुतारेस ने अधिकारियों से सैन्य अभियान बंद करने और हिंसा प्रभावित पश्चिमी क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचने देने का आग्रह किया। संघर्ष की वजह से विस्थापित हुए लोगों को घर लौटने की इजाजत दिए जाने की मांग करते हुए गुतारेस ने कहा दुनिया में स्थिति तेजी से शरणार्थी आपदा, मानवता और मानवाधिकार की समस्या में तब्दील हो रही है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि सुनियोजित तरीके की गई हिंसा मध्य म्यांमार के रखाइन राज्य में अशांति का कारण है जिससे 2,50,000 मुस्लिमों के विस्थापित होने का खतरा है।