ढाका: संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बताया है कि म्यांमार के राखिन प्रांत में जारी हिंसा के कारण कम से कम 123,000 रोहिंग्या लोग सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंच गए हैं। बांग्लादेश में UNHCR के प्रवक्ता जोसेफ सूरजमोनी त्रिपुरा ने बताया कि हाल ही में पहुंचे शरणार्थियों में 30 हजार से ज्यादा पिछले 24 घंटे के दौरान पहुंचे हैं, जो अस्थाई शिविरों में रह रहे हैं। शरणार्थियों की यह संख्या पहले सोची गई संख्या से काफी ज्यादा है। सोमवार को पलायन करने वालों की संख्या 87,000 होने का कल अनुमान लगाया गया था लेकिन संशोधित संख्या 1,23,000 है। (पढ़ें: म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुस्लिमों को मारा, उनका रेप किया: UN)
संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के मुताबिक, 123,000 में से सिर्फ 6,000 शरणार्थी अपने परिवार के सदस्यों के साथ कॉक्स बाजार जिले में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। मंगलवार को रोहिंग्या लोगों का तांता लग गया। हजारों लोग रोजाना जंगलों और धान के खेतों से होते हुए बांग्लादेश में सुरक्षित पहुंच रहे हैं। अन्य लोग दोनों देशों को के बीच स्थित नदियों को पार कर रहे हैं। हालांकि, इस कोशिश में कई लोग डूब भी गए हैं। रोहिंग्या समुदाय का ताजा पलायन 25 अगस्त को शुरू हुआ जब रोहिंग्या उग्रवादियों ने म्यांमार की पुलिस चौकियों पर हमला किया, जिस पर सुरक्षा बलों को इसके जवाब में अभियान चलाना पड़ा। (पढ़ें: रोहिंग्या मुसलमानों पर हुई हिंसा पर बोलीं मलाला, सू की से किया यह आग्रह)
म्यांमार ने इस समुदाय को अपने यहां नागरिकता देने से इंकार कर दिया है और बांगलादेश ने इन्हें शरणार्थी का दर्जा दे दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेकनाफ इलाके में बंगाल की खाड़ी से होते हुए रोंहिग्या शरणार्थियों की नौका लगातार तट पर पहुंच रही हैं। बांग्लादेश में करीब 3 से 5 लाख के बीच रोहिंग्या लोग रहते हैं, जिनमें से केवल 32 हजार को ही शरणार्थी का दर्जा प्राप्त है और वे कॉक्स बाजार जिले में रहते हैं। (पढ़ें: सिर्फ रोहिंग्या मुसलमान ही नहीं, म्यांमार के हिंदू भी बांग्लादेश में शरण के लिए पहुंचे)