ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में एक मस्जिद में गैस रिसाव के कारण एक साथ छह एयर कंडीशनरों में विस्फोट से एक बच्चे सहित कम से कम 12 नमाजियों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। नारायणगंज नदी के किनारे शहरी इलाके में स्थित बैतुल सलात मस्जिद में शुक्रवार की रात लगभग नौ बजे नमाज के दौरान ये विस्फोट हुए।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, विस्फोट में पच्चीस नमाजी गंभीर रुप से जख्मी हो गए। ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बर्न यूनिट की प्रमुख डॉ सामंथा लाल सेन ने बताया कि शुक्रवार को एक नाबालिग लड़के की मौत हो गई जबकि शनिवार को इलाज के दौरान 11 नमाजियों ने दम तोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि यूनिट में फिलहाल 25 अन्य लोगों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन उनकी हालत बहुत गंभीर है क्योंकि उनके शरीर का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जल चुका है। उन्होंने कहा कि लगभग सभी आंतरिक रुप से जल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज सुबह उन्हें फोन किया और घायलों हालचाल पूछा और उनके लिए हर संभव चिकित्सकीय देखभाल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बीएसएफ ने तस्करी करके बांग्लादेश भेजी जा रहीं खांसी की दवा की 1000 बोतलें पकड़ीं
बीएसएफ ने तस्करी करके बांग्लादेश भेजी जा रहीं खांसी की दवा की 1000 बोतलें पकड़ीं मालदा, तीन सितंबर (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने गंगा नदी के जरिए यहां से बांग्लादेश भेजी जा रही खांसी की दवा (कफ सीरप) की एक हजार बोतलें जब्त की हैं। खांसी का यह सीरप कोडीन से बना है। अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि शोबापुर सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने एक सूचना के आधार पर निगरानी बढ़ा दी और बुधवार को नदी में एक पैकेट बहते देखा, यह पैकेट बांग्लादेश की ओर बह रहा था। उन्होंने बताया कि एक दल नौका से रवाना हुआ और पैकेट को कब्जे में ले लिया। अधिकारी ने बताया कि पैकेट में खांसी के सीरप की एक हजार बातलें और एक मोबाइल फोन था।
थर्माकोल के सहारे यह पैकेट बह रहा था और इसमें रखी बोतलों की कीमत 1.69 लाख रुपए है। उन्होंने बताया कि भारत के तस्कर ऐसे ही पैकेट गंगा में बहा देते हैं और उसमें एक मोबाइल फोन ऊपर रखते हैं, जैसे ये पैकेट बांग्लादेश के निकट पहुंचे है तो ये उस फोन पर कॉल करना शुरू करते हैं। फोन की लाइट जलने लगती है और इस प्रकार से पैकेट का इंतजार कर रहे तस्कर चौकन्ने हो जाते हैं। कोडीन आधारित खांसी की दवा को नशे की तरह इस्तेमाल किया जाता है, वहां शराब पीने पर प्रतिबंध है।