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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, पाकिस्तान से आए हैं 10 हजार जिहादी लड़ाके

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने के लिए प्रभावित करने में नाकाम रहने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 17, 2021 17:06 IST
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Image Source : AP अशरफ गनी ने जोरदार भाषण देते हुए कहा कि पिछले महीने 10,000 से अधिक जिहादी लड़ाके पाकिस्तान से देश में दाखिल हुए।

काबुल/नई दिल्ली: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में अफगानिस्तान में विदेशी आतंकवादियों के प्रवेश और तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने के लिए प्रभावित करने में नाकाम रहने को लेकर पाकिस्तान की शुक्रवार को आलोचना की। गनी ने जोरदार भाषण देते हुए कहा कि पिछले महीने 10,000 से अधिक जिहादी लड़ाके पाकिस्तान से देश में दाखिल हुए, जबकि इस्लामाबाद तालिबान को शांति वार्ता में 'गंभीरता से भाग लेने' के लिए मनाने में विफल रहा है। गनी ने शुक्रवार को ताशकंद में आयोजित मध्य और दक्षिण एशिया कनेक्टिविटी सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

अफगानिस्तान में तेजी से कदम बढ़ा रहा है तालिबान

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और कई अन्य देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। ‘मध्य और दक्षिण एशिया: क्षेत्रीय संपर्क, चुनौतियां और अवसर’ पर सम्मेलन में गनी ने कहा कि पाकिस्तान शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तालिबान को प्रभावित करने और आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने के आश्वासन को पूरा करने में नाकाम रहा है। तालिबान पिछले कुछ हफ्तों में पूरे अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रहा है।

‘अफगान लोगों की बर्बादी का जश्न मना रहा है तालिबान’
गनी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री खान और उनके जनरलों ने बार-बार आश्वासन दिया कि आफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान का आना पाकिस्तान के हित में नहीं है। तालिबान का समर्थन करने वाले नेटवर्क और संगठन अफगान लोगों और राज्य की संपत्तियों एवं क्षमताओं के नष्ट होने का खुले तौर पर जश्न मना रहे हैं। विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के बीच एक आम सहमति है कि तालिबान ने आतंकी संगठनों के साथ अपने संबंधों को तोड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। अफगानिस्तान की सरकार पूरी तरह से मौजूदा वक्त पर ध्यान केंद्रित किए हुए है और एक राष्ट्र के रूप में अपने अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम तालिबान और उनके समर्थकों का तब तक सामना करने के लिए तैयार हैं, जब तक उन्हें यह एहसास नहीं हो जाता कि राजनीतिक समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’

इमरान खान ने कहा, गनी के बयानों ने मायूस किया
गनी ने कहा, ‘हम तालिबान से युद्ध और विनाशकारी हालिया हमलों को रोकने के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करने का आह्वान करते हैं। साथ ही, हम पाकिस्तान से शांति और शत्रुता की समाप्ति के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील करते हैं।’ दूसरी तरफ इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि वह गनी की टिप्पणियों से ‘मायूस’ हैं और तालिबान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए पाकिस्तान ने जितनी कोशिशें की हैं, उतनी किसी भी मुल्क ने नहीं की हैं। गुरुवार को प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने सीमावर्ती शहर स्पिन बोल्डक में तालिबान को निशाना बनाए जाने पर अफगान वायु सेना के खिलाफ मिसाइल लॉन्च की धमकी दी थी। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस दावे का खंडन किया है।

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