Highlights
- उल्लेखनीय दृष्टिकोण वाला व्यक्ति और एक दुर्लभ नेता थे
- 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- रूसियों के लिए स्वतंत्रता का मार्ग खोल दिया था
Mikhail Gorbachev: सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव के निधन के बाद दुनिया भर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। कई लोगों ने उन्हें ऐसा दुर्लभ नेता बताया जिन्होंने तत्कालीन कम्युनिस्ट शासित यूरोपीय देशों में लोकतंत्र बहाल किया और दुनिया को बदलते हुए कुछ समय के लिए महाशक्तियों के बीच शांति की उम्मीद दिखाई। हालांकि उनके कई देशवासियों ने उनकी निंदा भी की। उन्हें सोवियत संघ के 1991 में विघटन और महाशक्ति के रूप में उसके पतन के लिए दोषी ठहराया।
बाइडेन कही ये बात
गोर्बाचेव ने सोवियत संघ में कई सुधार लाने की कोशिश की और इसी कड़ी में उन्होंने साम्यवाद के अंत, सोवियत संघ के टुटने और शीत युद्ध की समाप्ति में अहम भूमिका निभाई। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गोर्बाचेव को लेकर कहा कि ‘‘उल्लेखनीय दृष्टिकोण वाला व्यक्ति और एक दुर्लभ नेता थे, जिनके पास यह देखने की कल्पनाशक्ति थी कि एक अलग भविष्य संभव है और जिनके पास उसे हासिल करने के लिए अपना पूरा करियर दांव पर लगा देने का साहस था।’’बाइडन ने आगे कहा कि ‘‘इसके परिणामस्वरूप दुनिया पहले से अधिक सुरक्षित हुई तथा लाखों लोगों को और स्वतंत्रता मिली।’’
सोवियत संघ के पतन का मुख्य जिम्मेदार
गोर्बाचेव को शीत युद्ध समाप्त करने में उनकी भूमिका के लिए 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें दुनिया के सभी हिस्सों से प्रशंसा और पुरस्कार मिले लेकिन उनके देश में उन्हें व्यापक स्तर पर निंदा झेलनी पड़ी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वीकार किया कि गोर्बाचेव का 'विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव' था। पुतिन ने गोर्बाचेव के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए एक संक्षिप्त टेलीग्राम भेजा और कहा कि 'उन्होंने बड़े पैमाने पर विदेश नीति, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बीच मुश्किल और नाटकीय परिवर्तनों के दौरान देश का नेतृत्व किया। उन्होंने आगे कहा कि 'गोर्बाचेव ने महसूस किया कि सुधार आवश्यक थे और उन्होंने गंभीर समस्याओं के समाधान की कोशिश की। 'रूसी अधिकारियों और सांसदों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं। उन्होंने शीत युद्ध समाप्त करने में गोर्बाचेव की भूमिका की सराहना की लेकिन सोवियत संघ के पतन के लिए उनकी निंदा भी की।
बोरिस जॉनसन और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कही ये बात
विश्व नेताओं ने गोर्बाचेब को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक महान और बहादुर नेता बताया। निवर्तमान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि 'यूक्रेन में पुतिन की आक्रामकता के दौर में सोवियत समाज को खोलने के लिए उनकी अथक प्रतिबद्धता हम सभी के लिए एक उदाहरण है'। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गोर्बाचेव को शांति दूत बताया जिनकी पसंद ने रूसियों के लिए स्वतंत्रता का मार्ग खोल दिया। उन्होंने कहा कि यूरोप में शांति के प्रति गोर्बाचेब की प्रतिबद्धता ने साझा इतिहास को बदल दिया। जर्मन नेताओं ने अपने देश के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए गोर्बाचेव की सराहना की।
जर्मनी चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने क्या कहा?
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने कहा, 'हम नहीं भूल पाएंगे कि पेरेस्त्रोइका से रूस में लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश संभव हो सकी, यूरोप में लोकतंत्र और स्वतंत्रता संभव हो गई, जर्मनी का एकीकरण हो सका और लौह आवरण गायब हो गया।' उन्होंने हालांकि कहा कि गोर्बाचेव की मृत्यु ऐसे समय हुई जब उनकी कई उपलब्धियां नष्ट हो गई हैं। यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने गोर्बाचेव को ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया, जिन्होंने रूसी समाज के जरिए स्वतंत्रता की राह दिखाई और कम्युनिस्ट व्यवस्था को अंदर से बदलने की कोशिश की।
गोर्बाचेव के पास थी महान रणनीतिक दृष्टि
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उन्हें ऐसा अनोखा राजनेता बताया जिन्होंने इतिहास की दिशा को बदल दिया और शीत युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त करने के लिए किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में अधिक काम किया।जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सोवियत संघ और अमेरिका के परमाणु हथियारों को कम करने में गोर्बाचेव की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 'महान उपलब्धियां' हासिल की थीं। उन्होंने कहा कि गोर्बाचेव के पास महान रणनीतिक दृष्टि थी।
एक बहादुर और दूरदर्शी नेता थे
इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने गोर्बाचेव को '20वीं सदी के सबसे असाधारण लोगों में से एक' बताया और कहा कि वह एक बहादुर और दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने दुनिया को उन तरीकों से आकार दिया जो पहले कल्पना से परे थे।दुनिया के कई अन्य देशों के नेताओं और राजनयिकों ने भी गोर्बाचेव के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और विश्व शांति में उनके उल्लेखनीय योगदान की चर्चा की।