एक हफ्ते पहले ही ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले जोहॉन्सबर्ग को किसी की बुरी नजर लग गई। यहां एक बहुमंजिला इमारत में भयंकर आग लग गई। बताया जा रहा है कि आज बृहस्पतिवार को इस बहुमंजिला इमारत में अज्ञात कारणों से आग की लपटें उठती दिखाई दीं। इसके बाद हाहाकार मच गया। फायर ब्रिगेड को तत्काल मौके पर लगाया गया, लेकिन राहत और बचाव के दौरान अब तक 73 लोगों की आग में झुलस जाने से दर्दनाक मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या अभी और अधिक बढ़ने का अंदेशा है। 50 से अधिक अन्य लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं। झुलसे लोगों को अस्पताल भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार इस इमारत में प्रवासी लोग रहते थे। अधिकारियों ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि शहर के मध्य में स्थित पांच मंजिला इमारत में आग किस वजह से लगी। बड़ी संख्या में आपात और बचावकर्मी अभी भी घटनास्थल पर हैं, क्योंकि शवों का मिलना जारी है। जोहानिसबर्ग शहर की आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता रॉबर्ट मुलौदज़ी ने कहा कि अग्निशमन विभाग को रात लगभग 1:30 बजे डेल्वर्स एंड अल्बर्ट्स मार्ग के कोने पर स्थित एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली। मुलौदज़ी ने कहा, "यह एक पांच मंजिला इमारत थी, जिसमें बीती रात आग लग गई। हम आग बुझाने के क्रम में इमारत के अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकालने में कामयाब रहे।" आग से इमारत नष्ट हो गई।
मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका
मुलौदज़ी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 73 शव बरामद किए जा चुके हैं और 50 से ज्यादा लोग झुलस गए हैं। अभी भी खोज और बचाव अभियान जारी है। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और खोज एवं बचाव अभियान जारी है। मुलौदज़ी ने कहा कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इमारत के अंदर एक अनौपचारिक आवास क्षेत्र था... जिसमें लोग भागने की कोशिश के दौरान फंस गए होंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में मुलौदज़ी के हवाले से कहा गया, "प्रत्येक मंजिल पर एक अनौपचारिक आवास क्षेत्र था और जिन लोगों ने वहां से निकलने की कोशिश की होगी, वे वहां फंसे हो सकते हैं।" उन्होंने कहा, "हमने घटनास्थल पर अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे लोगों से कहा है कि उनके परिजनों के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम है।
" आग में झुलसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इमारत के नजदीक रहने वाले तंजानिया के एक नागरिक ने कहा कि इमारत के अंदर दर्जनों आवास गृह थे जहां सैकड़ों की संख्या में लोग रहे होंगे। उसने कहा कि क्षेत्र की कई इमारतों में अधिकतर निवासी अफ्रीकी देशों के अवैध प्रवासी हैं जो नौकरियों की तलाश में दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक केंद्र में आए थे। (भाषा)
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