गाजा पर ताबड़तोड़ हवाई हमले में हजारों नागरिकों की हत्या के लिए क्या इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भी मानव युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जाने वाला है या फिर इजरायली नागरिकों की हत्या के लिए फिलिस्तीन के खिलाफ युद्ध अपराध का मामला बनेगा। फिलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी के बयान क्या संकेत दे रहे हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि वह फलस्तीनी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) की जांच का पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाए जाने के लिए पूर्ण संघर्ष विराम का भी आह्वान किया है।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय लोगों से संबंधित युद्ध अपराधों, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करता है और उन पर मुकदमा चलाता है। अल-मलिकी ने आईसीसी की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने को लेकर नीदरलैंड की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मुख्य अभियोजक करीम खान से मुलाकात की। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह दक्षिणी इजराइल में सात अक्टूबर को हमास के अप्रत्याशित हमलों के संबंध में जांच को लेकर अदालत का सहयोग करेंगे, अल-मलिकी ने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकरण जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह सकते कि यहां जांच की जाए, वहां जांच नहीं होनी चाहिए।’
वर्ष 2021 से चल रही इसी तरह के अपराध की जांच
गाजा पर हमले का मामला तो नया है। मगर इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 2021 में फलस्तीनी क्षेत्रों में कथित अपराधों की जांच शुरू की, जिसमें गाजा पट्टी में फलस्तीनी आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान और पूर्वी यरुशलम तथा कब्जे वाले वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया। खान ने पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि उनका निर्णय उन फलस्तीनियों पर भी लागू होगा जिन्होंने इजराइल के लोगों के खिलाफ अपराध किए थे। जांच गाजा में पिछले बड़े संघर्ष को लेकर केंद्रित थी, लेकिन वर्तमान इजराइल-हमास संघर्ष में युद्ध अपराधों के आरोपों पर भी गौर किया जा सकता है।
जानें इजरायल का तर्क
इजराइल का तर्क है कि आईसीसी के पास संघर्ष के मामले में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि फलस्तीन स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र नहीं है। इजराइल उस संधि का पक्षकार नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का समर्थन करती है। इजराइल इसके 123 सदस्य देशों में से शामिल नहीं है। उन्होंने विश्व नेताओं से अरब देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया, जिसमें मानवीय सहायता की अनुमति देने के लिए संघर्ष विराम का आह्वान किया गया है। हेग में फलस्तीनी प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी अपनी बात रखी, जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में इजराइली नीतियों की वैधता पर विचार कर रहा है। मौजूदा संघर्ष में इजराइल में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर हमास के शुरुआती हमले में मारे गए। अल-मलिकी के अनुसार इजराइल की जवाबी कार्रवाई में लगभग 7,000 लोग मारे गए हैं और 20 हजार से अधिक घायल हुए हैं। (एपी)