दुबई: ईरान की सीमा के पास अफगानी नागरिकों पर हुए घातक हमले को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने गंभीरता से लिया है। यूएन के एक विशेषज्ञ ने उन खबरों की जांच की मांग की है, जिनमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की सीमा पर ईरानी सुरक्षा बलों के हमले में अफगान नागरिक मारे गए और घायल हुए हैं। ईरान ने रविवार को सरावन के पास गोलीबारी की कोई घटना होने से इनकार किया है। यह क्षेत्र देश के अशांत दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान का एक शहर है, जो तालिबान शासित अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित है।
हालांकि, हाल के महीनों में ईरान में अफगान प्रवासी विरोधी बयानबाजी बढ़ गई है, क्योंकि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। ईरान के पुलिस प्रमुख ने इस बीच यह भी दावा किया है कि अगले छह महीनों में लगभग 20 लाख प्रवासियों को निर्वासित किया जाएगा। इसके बाद तालिबान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे कथित हमले की जांच पूरी होने के बाद इस संबंध में जानकारी देंगे। उनके मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले कहा था कि ईरान सीमा पर अफगान नागरिकों की मौत और घायल होने की अफवाहें फैल रही हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘घटना की अबतक पुष्टि नहीं हुई है। मामले की पुष्टि होने के बाद आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।’’
यूएन कराएगा जांच
हलवाश बलूच लोगों की पैरोकारी करने वाला एक समूह है जो मुख्य तौर पर ईरान पर केंद्रित है। हलवाश ने गोलीबारी पर कई रिपोर्ट जारी की है। इनमें हमले के दो अज्ञात गवाहों का हवाला दिया गया है और अन्य लोगों ने दावा किया है कि मरने वालों की संख्या कम से कम दर्जनों में है और कई लोग घायल हुए हैं। हलवाश ने आरोप लगाया कि ईरानी सुरक्षा बलों ने हमले में आग्नेयास्त्रों और रॉकेट, दोनों का इस्तेमाल किया। अफगानिस्तान में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने रिपोर्टों की जांच की मांग करते हुए कहा कि वह ‘‘अत्यधिक चिंतित हैं।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं अधिकारियों से पारदर्शी तरीके से जांच करने की अपील करता हूं। स्थिति स्पष्ट करने की तत्काल आवश्यकता है।’’ संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का अनुमान है कि ईरान में 38 लाख विस्थापित लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकतर अफगान हैं। ईरान में कुछ लोगों का मानना है कि अफगानों की संख्या इससे भी अधिक है। (एपी)
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