Highlights
- नए वजीर-ए-आजम के सामने बड़ी चुनौतियां
- इमरान के समय पाकिस्तान से नाराज रहा अमेरिका
- आर्थिक संकट और महंगाई सबसे बड़ी समस्या
इस्लामाबाद: जनता द्वारा 2018 में चुने गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अब कुर्सी चली गई है। वह अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। इमरान खान ने पूरी कोशिश की सत्ता बचाने की पर विपक्षी गठबंधन ने उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया। अब इमरान पाकिस्तान में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है। अब देश की कमान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ के हाथों सौंपी जाएगी। बिलावल भुट्टो उप-प्रधानमंत्री बन सकते हैं। पर नए प्रधानमंत्री के सामने पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते सुधारना, तालिबान पर काबू पाना, देश में कट्टरपंथी संगठनों को रोकना, देश में आर्थिक स्तिथि को सुधारना जैसी तमाम चुनौतियां रहेंगी।
इमरान के समय पाकिस्तान से नाराज रहा अमेरिका
इमरान खान रूस और चीन के काफी करीब रहे। यही वजह थी कि पाकिस्तान के रिश्ते अमेरिका से भी खराब हो गए। क्योंकि रूस और चीन दोनों ही देश अमेरिका को फूटी आंख नहीं सुहाते। अब शहबाज शरीफ अमेरिका से रिश्ता सुधारने की कोशिश करेंगे। लेकिन पाकिस्तान में अमेरिका के विरोध में माहौल है इसका भी उनको ध्यान रखना होगा, क्योंकि चुनाव होने में बहुत कम ही महीने बचे हैं। चुनाव में इमरान खान इसका फायदा उठा सकते हैं।
भारत-पाक रिश्ते ज्यादा खराब हुए
जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तब भारत के साथ उनकी अच्छी ताल-मेल रही। जबकि इमरान खान के दौरान भारत-पाक के रिश्ते में दरार बढ़ी। चीन के दम पर इमरान खान ने भारत को कई बार आंख दिखाने की कोशिश की, हालांकि कभी कामयाबी नहीं मिली। वहीं सत्ता परिवर्तन की आहट के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर बाजवा का सीजफायर के मुद्दे को उठाना रिश्ते को सुधारने की तरफ इशारा करता है। दोनों देशों के बीच एक साल से भी ज्यादा वक्त से सीजफायर है। जिसपर बाजवा का कहना है कि यदि भारत इस मुद्दे पर राजी है तो पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं है।
आर्थिक संकट और महंगाई सबसे बड़ी समस्या
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी दिनों दिन खराब होती जा रही है। और महंगाई भी चरम पर है। इन्हीं सब वजहों से विपक्ष इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अब विपक्ष इमरान खान को पाक की सत्ता से बेदखल तो कर चुका है, लेकिन देश को आर्थिक और महंगाई जैसी बड़ी समस्या से निकाल पाना आसान नहीं होगा।