Highlights
- मृत बर्फ यानी जो पूरी तरह से खत्म हो गया है
- Global warming वार्मिंग इसका मुख्य रिजन है
- धरती का तापमान तेजी से बढ़ रहा है
'Zombie-Ice': ग्रीनलैंड के बर्फ की चादर के पिघलने से वैश्विक समुद्र का स्तर अनिवार्य रूप से कम से कम 10.6 इंच या 27 सेंटीमीटर बढ़ जाएगा, भले ही दुनिया इस समय कोई भी जलवायु कार्रवाई करने का फैसला करे। यह 'ज़ोंबी बर्फ' के कारण है, जो बर्फ के टुकड़े पिघलकर समुद्र में मिल जाएंगे। यह गणना नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से हुई है, जहां वैज्ञानिकों ने पहली बार ग्रीनलैंड में न्यूनतम बर्फ के नुकसान की गणना की है।
'ज़ोंबी बर्फ' क्या है?
मृत बर्फ यानी जो पूरी तरह से खत्म हो गया है उसमें कोई भी विकास नहीं हो रहा हो, ज़ोंबी बर्फ मूल रुप से बर्फ की चादर का हिस्सा है, जो ताजा बर्फ जमा नहीं होने देते हैं। ग्रीनलैंड में इसकी मात्रा कई गुना है। ये बर्फ धीरे-धीरे पिघलते हैं। इस अध्ययन के मुख्य लेखक जेसन बॉक्स के अनुसार, "इस बर्फ का पिघलना तय है जिसके बाद वो महासागर में मिल जाएगा। हम लाख कोशिश कर लें कि इसे रोक लिया जाए तो ये कब्र में एक पैर की तरह साबित होगा। इसके चपेट में सबसे अधिक तटीय इलाकें वाले देश होंगे।
कैसे पिघल रही है 'ज़ोंबी' बर्फ
यह Global warming वार्मिंग इसका मुख्य रिजन है। धरती का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में एक शोध में पाया गया कि बर्फ संतुलन अवस्था में पाए गए हैं। ग्रीनलैंड बर्फ की चादर के ऊपरी हिस्से की बर्फ तेजी मेल्ट हो रही है। जो कुछ समय बाद बह जाएगी। वही आपको बता दें कि बीते कई सालों से बर्फ तेजी स मेल्ट हो रहे है और नए बर्फों का निर्माण नहीं हो रहा है।
इस सदी के भीतर पिघल जाएगी 'ज़ोंबी'
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि ग्रीनलैंड की कुल बर्फ की मात्रा का 3.3% पिघल जाएगा और यह तब भी होगा जब वैश्विक तापमान वर्तमान स्तर पर स्थिर हो। ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्थिति खराब होने की भविष्यवाणी की गई है, समुद्र के स्तर में पिघलने और इसी तरह की वृद्धि से हालात खराब हो सकती है। अध्ययन में कहा गया है कि अगर ग्रीनलैंड का बर्फ तेजी से पिघलते रहा तो यह समुद्र का जलस्तर 30 इंच (78 सेंटीमीटर) तक पहुंच सकता है। हालांकि रिसर्च टीम ने कोई टाइमलाइन नहीं दी है। टीम ने बताया कि इस सदी के भीतर ही हो सकती है ये पुरी तरह से पिघल जाए।
तटीय इलाकों के लिए है ये चेतावनी
अध्ययन में भविष्यवाणी की गई है कि समुद्र के स्तर में अपरिहार्य वृद्धि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए विशेष रूप से एक बुरी खबर है। संयुक्त राष्ट्र महासागरों के एटलस के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे बड़े शहरों में से 8 एक तट के पास हैं। समुद्र का बढ़ता स्तर बाढ़, उच्च ज्वार और तूफान को और अधिक बार-बार और बदतर बना देगा क्योंकि उनका प्रभाव अधिक अंतर्देशीय तक पहुंच जाएगा। यह बदले में स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और बुनियादी ढांचे के लिए खतरा है। इसके अलावा निचले तटीय क्षेत्रों में भी अधिक प्रभाव पड़ेगा।