तेल अवीवः गाजा में हमास के भूमिगत ठिकानों पर पिछले एक साल से हमले कर रही इजराइली सेना अब दक्षिणी लेबनान में चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह की सुरंगों तक भी पहुंच गई है। अब इजरायल सेना हिजबुल्लाह आतंकियों के लिए सेफ हाउस बनी सुरंगों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है। इजरायली लड़ाके सुरंगों को खोज-खोज कर उसमें छिपे आतंकियों को निशाना बना रहे हैं।
बता दें कि जब हमास ने इजरायल पर पिछले साल 7 अक्टूबर को हमला किया था और इस दौरान 1200 से ज्यादा इजरायली मारे गए थे। इसके बदला लेना के लिए इजरायल ने हमास पर हमले करना शुरू कर दिया, जो भयानक युद्ध में बदल गया। इजरायली सेना ने गाजा में जवाबी कार्रवाई की और युद्ध शुरू हो गया। अब इजरायल ने कहा है कि उसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उसकी उत्तरी सीमा से कोई भी ऐसा हमला या घुसपैठ न हो। ऐसे में अब इजरायली सेना ने दो हफ्तों से दक्षिण लेबनान के घने जंगलों में तलाश अभियान के दौरान एक सुरंग प्रणाली का पता लगाया, जिसमें हथियारों का जखीरा और रॉकेट लॉन्चर रखे गए हैं।
हिजबुल्लाह की सुरंगों पर हमला
इजरायली सैनिक अब हिजबुल्लाह के सुरंगों को लगातार निशाना बना रहे हैं। आईडीएफ का दावा है कि ये सुरंगें आस-पास के समुदायों के लिए सीधे खतरे का कारण बन सकती हैं। इजरायल ने कहा कि उसके आक्रमण में ‘‘सीमित, स्थानीय और लक्षित जमीनी हमले’ शामिल हैं, जिनका उद्देश्य हिजबुल्ला के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना है। ताकि हजारों विस्थापित इजरायली अपने घर लौट सकें। लड़ाई के कारण पिछले महीने 10 लाख से ज्यादा लेबनानी भी बेघर हो गए। दक्षिण लेबनान के कई लोग हिजबुल्ला के समर्थक हैं। कई लोग कुछ महीने पहले ही वहां से अपने घर छोड़कर चले गए हैं, लेकिन वे हिजबुल्लाह को अब भी अपना रक्षक मानते हैं।
इसका कारण यह है कि लेबनानी सेना के पास इजरायल के हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं और इसी लिए लोग हिजबुल्लाह पर निर्भर हैं। राजनीतिक विश्लेषक ईवा जे. कोउलोरियोटिस ने कहा कि इस व्यापक समर्थन ने हिजबुल्लाह को गांवों के भीतर अपना सैन्य ढांचा स्थापित करने की अनुमति दी है। (रॉयटर्स)
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