ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) और उसके समर्थित मिलिशिया समूहों के हमले में अपने 3 सैनिकों की मौत से बौखलाए अमेरिका ने लगातार दूसरे दिन इराक और सीरिया के कई ठिकानों पर भीषण हवाई हमला किया। इस हमले में करीब 40 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस हमले में संयुक्त राज्य अमेरिका ने लंबी दूरी के बी-1 बमवर्षकों का उपयोग भी किया है। बता दें कि पिछले हफ्ते में ईरान समर्थित उग्रवादियों द्वारा जॉर्डन में किए गए हमले के जवाब में अमेरिका यह प्रतिक्रिया दे रहा है। अमेरिकी एयर स्ट्राइक से इराक से लेकर सीरिया तक खलबली मच गई है।
अमेरिकी सैनिकों पर घातक हमले के प्रतिशोध में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) और उसके समर्थित मिलिशिया से जुड़े 85 से अधिक ठिकानों पर एक दिन पहले भी इराक और सीरिया में हवाई हमले को अंजाम दिया था। यह हमला अब भी जारी है। इसमें कथित तौर पर लगभग 40 लोग मारे गए हैं। आने वाले दिनों में और अधिक अमेरिकी सैन्य अभियानों की उम्मीद है। इन हमलों ने उस संघर्ष को तेज़ कर दिया है जो 7 अक्टूबर को इज़रायल पर फ़िलिस्तीनी समूह के घातक आतंकवादी मले के बाद इज़राइल और हमास के बीच चल रहा है।
ईरान ने की हमले अमेरिकी हमले की आलोचना
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने एक बयान में कहा कि हमले "संयुक्त राज्य अमेरिका की एक और साहसिक और रणनीतिक गलती का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप केवल तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी"।
इराक ने औपचारिक विरोध जताने के लिए बगदाद में अमेरिकी प्रभारी डी'एफ़ेयर को बुलाया। इराकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इराक ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी जमीनें युद्धरत देशों के बीच हिसाब-किताब तय करने या ताकत दिखाने का अखाड़ा बनेंगी।" इराक की पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज, एक राज्य सुरक्षा बल, जिसमें ईरान समर्थित समूह भी शामिल हैं, ने कहा कि लड़ाकों और डॉक्टरों सहित उसके 16 सदस्य मारे गए। सरकार ने पहले कहा था कि 16 मृतकों में नागरिक भी शामिल हैं। (रॉयटर्स)