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US Presidential Election: सिर्फ 9 दिन बाकी, ये मामला बन गया सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा

अमरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ 9 दिन बाकी रह गए हैं। प्रवासियों का अवैध प्रवासन अमेरिका में बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप हैरिस से ज्यादा सख्त दिखाई दे रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 27, 2024 17:38 IST, Updated : Oct 27, 2024 17:38 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव।
Image Source : AP अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव।

अटलांटाः अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में महज 9 दिन बचे हैं। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंका दी है। अमेरिकी चुनाव में आव्रजन मामला एक अहम चुनावी मुद्दा बन गया है। भारत सहित विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों के आप्रवासियों को डर है कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के जीतने पर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान दिए भाषणों में राष्ट्रपति चुने जाने पर न सिर्फ वाशिंगटन की आव्रजन नीतियों को सख्त बनाने का वादा किया है, बल्कि अमेरिकी इतिहास में बिना दस्तावेज वाले आप्रवासियों का “सबसे बड़ा” घरेलू निर्वासन अभियान चलाने और मौजूदा शरणार्थी कार्यक्रमों की समीक्षा करने का संकल्प भी लिया है।

पूर्व राष्ट्रपति ने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता के प्रावधान को समाप्त करने का भी वादा किया है, जिससे भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान सहित विभिन्न देशों के आप्रवासियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। आप्रवासन समर्थक समूहों ने आव्रजन पर बयानबाजी को लेकर ट्रंप की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का संकल्प कानूनी रूप से सवालों के घेरे में है, क्योंकि यह (जन्मसिद्ध नागरिकता) अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में निहित है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार एवं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी अवैध आव्रजन को कम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

कमला हैरिस और ट्रंप की आव्रजन पर क्या है सोच

कमला हैरिस का कहना है कि अमेरिकी आव्रजन प्रणाली चरमरा गई है और इसे दुरुस्त करने के लिए विधायी उपाय किए जाने की जरूरत है। वहीं ट्रंप (78) ने इस हफ्ते एक चुनावी रैली में हैरिस (60) पर “आप्रवासी गिरोहों और अवैध विदेशी अपराधियों” को अमेरिका में लाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “आप्रवासी गिरोहों को अमेरिका लाने की उनकी नीति हमारे देश के खिलाफ एक अपराध है।” अटलांटा में एक दशक से अधिक समय से रह रहे बांग्लादेशी मूल के ग्रीन कार्ड धारी मोहम्मद इकबाल ने कहा, “यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है और हम ट्रंप की जीत के बाद के संभावित परिणामों को लेकर चिंतित हैं।” उन्होंने कहा, “ट्रंप की नीतियां विभिन्न आप्रवासी समुदायों में दहशत पैदा कर रही हैं और यही कारण है कि वे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं।”

अवैध प्रवासियों के निर्वासन पर ट्रंप ज्यादा सख्त

जॉर्जिया में ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन्स’ के महासचिव वासुदेव पटेल का कहना है कि ट्रंप अमेरिका में “पढ़े-लिखे” और “शांति पसंद” लोगों का स्वागत करना चाहते हैं। प्यू रिसर्च की एक सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि राष्ट्रपति चुनाव के दोनों उम्मीदवारों के समर्थक सामूहिक निर्वासन के मसले पर जुदा राय रखते हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर वे एकमत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 88 फीसदी ट्रंप समर्थक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे आप्रवासियों को बड़े पैमाने पर निर्वासित करने के पक्ष में हैं। इसके विपरीत, केवल 27 प्रतिशत हैरिस समर्थक बड़े पैमाने पर निर्वासन का समर्थन करते हैं, जबकि 72 प्रतिशत इसके खिलाफ हैं। मिशिगन की छात्रा लातन्या ने कहा कि आव्रजन एक अहम चुनावी मुद्दा है और वह इस संबंध में ट्रंप की नीतियों से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हैरिस चुनाव में ट्रंप के मुकाबले कहीं बेहतर विकल्प हैं। (भाषा) 

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