कैनबरा. (ऑस्ट्रेलिया): अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार से मतदान जारी है। यह वोटिंग बुधवार को सुबह 6.30 बजे तक चलेगी। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट की तरफ से कमला हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं। भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के लिहाज से ट्रंप और कमला हैरिस में कौन ज्यादा बेहतर है, किसकी जीत से भारत के रिश्ते ज्यादा मजबूत रहेंगे... इस पूछे गए सवाल का विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाह दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारत ने अमेरिका के पिछले पांच राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के दौरान उसके साथ अपने संबंधों में ‘‘लगातार प्रगति’’ देखी है।
जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हों, “अमेरिका के साथ भारत के संबंध और मजबूत ही होंगे”। यहां अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने क्वाड के भविष्य के बारे में भी आशा व्यक्त की। क्वाड में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। वोंग ने संवाददाताओं से कहा कि ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि चार देशों का यह समूह ‘‘चुनाव परिणाम के परे अपना महत्व बनाए रखेगा’’। अमेरिका के लाखों मतदाता 47वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहे हैं। यह देश के इतिहास में सबसे कटु राष्ट्रपति चुनाव अभियानों में से एक है।
कमला और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर
विभिन्न मीडिया समूहों के सर्वेक्षणों के मुताबिक डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (60) और रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (78) के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से पूछा गया कि क्या ट्रंप के चुनाव जीतने को लेकर कोई चिंता है और क्या उनके राष्ट्रपति बनने का क्वाड पर कोई असर पड़ेगा? जयशंकर ने इसके जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पिछले पांच राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में अमेरिका के साथ अपने संबंधों में लगातार प्रगति देखी है, जिसमें ट्रंप का पिछला राष्ट्रपति कार्यकाल भी शामिल है। इसलिए, जब हम अमेरिकी चुनाव को देखते हैं, तो हमें पूरा भरोसा है कि जो भी नतीजा आए, अमेरिका के साथ हमारे संबंध और मजबूत होंगे।’’
क्वाड के भविष्य पर क्या बोले विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा, ‘‘ जहां तक क्वाड का संदर्भ तो मैं आपको याद दिला दूं कि इसे 2017 में ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पुनर्जीवित किया गया था। इसके बाद इसे स्थायी सचिव से मंत्री स्तर तक ले जाया गया, वह भी ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही हुआ।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘ वास्तव में, यह दिलचस्प है कि कोविड के बीच, जब आमने-सामने की बैठकें बंद हो गई थीं, ऐसे में 2020 में क्वाड के विदेश मंत्रियों की उस समय आमने-सामने की एक दुर्लभ बैठक टोक्यो में हुई थी। इससे हमें क्वाड की संभावना के बारे में संकेत मिलना चाहिए।’’ अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख का मुकाबला करने के लिए ‘क्वाड’ या चार देशों का गठबंधन स्थापित करने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था।
ऑस्ट्रेलिया ने भी क्वाड पर दी राय
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री वोंग ने क्वाड पर मीडिया के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम दोनों देखते हैं, मैं जय की ओर से नहीं बोलना चाहती, लेकिन इस पर मैं बहुत समान विचार व्यक्त कर सकती हूं। हम दोनों क्वाड को बहुत महत्व देते हैं, यह एक व्यवस्था है, एक बैठक है, उन देशों का समूह है जो उस तरह के क्षेत्र में बहुत समान हित साझा करते हैं जैसा हम चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अलग-अलग दृष्टिकोण वाले देशों, जाहिर तौर पर अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, के साथ यह एक बहुत ही मूल्यवान रणनीतिक चर्चा है।’ (भाषा)