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इन आदिवासियों से अब तक बात नहीं कर पाया आम इंसान, देखें माश्को पीरो जनजाति की दुर्लभ तस्वीरें

सर्वाइवल इंटरनेशनल ने तस्वीरें जारी करते हुए बताया कि माश्को पिरो की तस्वीरें जून के अंत में ब्राजील की सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी पेरू के माद्रे डी डिओस क्षेत्र में एक नदी के तट पर ली गई थीं।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: July 18, 2024 22:53 IST
Mashco Piro- India TV Hindi
Image Source : REUTERS माश्को पीरो आदिवासी

पेरू के अमेजन क्षेत्र में ऐसे आदिवासी लोगों को देखा गया है, जिनके साथ अब तक कोई आम इंसान संपर्क नहीं कर पाया। माश्को पीरो आदिवासियों की दुर्लभ तस्वीरें मंगलवार को सर्वाइवल इंटरनेशनल ने शेयर कीं। इन तस्वीरों में दर्जनों लोग नदी के किनारे दिखाई दे रहे हैं। यह जगह उस स्थान के करीब है, जहां लकड़ी काटने वाली कंपनियां काम कर रही हैं। आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने वाले स्थानीय समूह फेनामाद ने कहा कि इस जनजाति के लोग अकेले रहना पसंद करते हैं, लेकिन हाल के सप्ताहों में भोजन की तलाश में उन्हें जंगल से बाहर आते देखा गया है। इससे साफ है कि लकड़ी काटने वाली कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति की वजह से आदिवासी अपने मूल निवास से दूर जा रहे हैं। 

सर्वाइवल इंटरनेशनल ने तस्वीरें जारी करते हुए बताया कि माश्को पिरो की तस्वीरें जून के अंत में ब्राजील की सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी पेरू के माद्रे डी डिओस क्षेत्र में एक नदी के तट पर ली गई थीं। मानवाधिकार संगठन की निदेशक कैरोलीन पीयर्स ने कहा, "इन अविश्वसनीय तस्वीरों से पता चलता है कि माश्को पीरो एकांतवास में बड़ी संख्या में रहते हैं, जो उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, जहां लकड़हारे अपना काम शुरू करने वाले हैं।"

Mashco Piro

Image Source : REUTERS
माश्को पीरो आदिवासी

50 ज्यादा आदिवासी जंगल से बाहर निकले

हाल के दिनों में 50 से ज्यादा माश्को पिरो आदिवासी मोंटे साल्वाडो गांव के पास दिखाई दिए थे। इस गांव में मूल रूप से यीन लोग रहते हैं। आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने वाले एनजीओ ने बताया कि 17 लोगों का एक और समूह पास के गांव प्यूर्टो नुएवो में दिखाई दिया था। सर्वाइवल इंटरनेशनल के अनुसार, माश्को पीरो माद्रे डी डिओस में दो प्राकृतिक रिजर्वों के बीच स्थित क्षेत्र में रहते हैं। ये आदिवासी कभी-कभार ही दिखाई देते हैं और यिन या किसी अन्य जनजाति के साथ ज्यादा बातचीत नहीं करते हैं।

Mashco Piro

Image Source : REUTERS
माश्को पीरो आदिवासी

कई कंपनियों के पास लकड़ी काटने का ठेका

कई लकड़ी काटने वाली कंपनियों के पास माश्को पीरो के निवास वाले क्षेत्र में लकड़ी के ठेके हैं। सर्वाइवल इंटरनेशनल के अनुसार, कैनालेस ताहुआमानू नामक एक कंपनी ने लकड़ी लेकर जाने वाले अपने ट्रकों के लिए 200 किलोमीटर (120 मील) से अधिक सड़कें बनाई हैं। लीमा में कैनालेस ताहुआमानु के प्रतिनिधि ने इस पर बयान देने से मना कर दिया। इस कंपनी को फॉरेस्ट स्टीवर्डशिप काउंसिल ने प्रमाणित किया है, जिसके अनुसार उसके पास देवदार और महोगनी के पेड़ काटने के लिए माद्रे डी डिओस में 53,000 हेक्टेयर (130,000 एकड़) वन हैं।

Mashco Piro

Image Source : REUTERS
माश्को पीरो आदिवासी

ब्राजील में देखे गए माश्को पिरो आदिवासी

पेरू सरकार ने 28 जून को बताया कि स्थानीय निवासियों ने माद्रे डी डिओस की राजधानी प्यूर्टो माल्डोनाडो शहर से 150 किलोमीटर (93 मील) दूर माश्को पिरो आदिवासियों को लास पिएड्रास नदी पर देखा था।

एक्रे राज्य में ब्राजील के कैथोलिक बिशप्स की स्वदेशी मिशनरी परिषद की रोजा पैडिला ने बताया कि माश्को पिरो को सीमा पार ब्राजील में भी देखा गया है। उन्होंने कहा, "वे पेरू की तरफ से लकड़हारों से बचकर भागते हैं। इस मौसम में वे समुद्र तट पर ट्रैकाजा (अमेजन कछुए) के अंडे लेने के लिए आते हैं। तभी हमें रेत पर उनके पैरों के निशान मिलते हैं। वे अपने पीछे बहुत सारे कछुए के खोल छोड़ जाते हैं। वे ऐसे लोग हैं, जो शांत नहीं बैठते, वे बेचैन हैं, वे हमेशा भागते रहते हैं।" (इनपुट- रॉयटर्स)

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