Highlights
- युगांडा ने दुनिया को दी धमकी
- रूस के सपोर्ट में उतरा युगांडा
- रूस पर हमले को खुद पर मानेगा
Russia Putin: रूस और यूक्रेन के बाची जारी युद्ध को 7 महीने का वक्त पूरा हो गया है। युद्ध की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है और खाद्य संकट भी बढ़ गया है। जिसके चलते दुनिया के तमाम देश रूस से युद्ध रोकने की मांग कर रहे हैं। जबकि पश्चिमी देश यूक्रेन के समर्थन में खड़े हैं और लगातार रूस पर हमले के लिए यूक्रेन को हथियार मुहैया करवा रहे हैं। इन सबके बीच अफ्रीका के देश युगांडा ने खुलेआम रूस के प्रति अपना समर्थन जताया है और पूरी दुनिया को धमकी तक दे डाली है। युगांडा के सैन्य कमांडर ने कहा कि उनके देश की सेना रूस के खिलाफ आक्रामकता को अफ्रीकी महाद्वीप पर हमला मानेगी। कमांडर मुहुजी केनेरुगाबा ने कहा कि रूस ने कुछ गलत नहीं किया है, तो उसे किसी देश से डरने की जरूरत नहीं है।
रूस पर हमला मतलब अफ्रीका पर हमला- कमांडर
केनेरुगाबा ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'राष्ट्रपति पुतिन को परमाणु युद्ध की धमकी देने की जरूरत नहीं है। हम उन्हें सुन रहे हैं। रूस पर हमला अफ्रीका पर हमला माना जाएगा! युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने ये बात जुलाई में अफ्रीका में सर्जेई लावरोव के दौरे के समय कही थी।' उन्होंने बताया कि मुसेवेनी ने रूसी विदेश मंत्री को आश्वासन दिया था कि अगर रूस गलतियां करेगा, तो हम उन्हें बताएंगे। लेकिन अगर वह कोई गलती नहीं करेगा, तो हम कभी उनके खिलाफ नहीं होंगे।
युगांडा के राष्ट्रपति के बेटे हैं केनेरुगाबा
केनेरुगाबा साल 1999 में युगांडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें साल 2021 में युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्स की ग्राउंड फोर्स का कमांडर नियुक्त किया गया था। वह राष्ट्रपति मुसेविनी के बेटे हैं। ऐसी स्थिति में उनके बयान को युगांडा का आधिकारिक पक्ष भी माना जा सकता है। युगांडा के पूर्व शासक भी पश्चिम के बजाय रूस के समर्थक रहे हैं। युगांडा अपने सैन्य हथियार भी रूस से ही खरीदता है।
युगांडा का रूस के समर्थन वाला बयान महत्वपूर्ण
युगांडा के सैन्य प्रमुख का बयान ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब रूस और पश्चिम के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। रूस ने हाल में ही दोनेत्सक और लुंहास्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर और एलपीआर) में जनमत संग्रह करवाया है। मतदान में रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्रों खेर्सोन और जपोरिजिया के लोगों ने भी हिस्सा लिया। ऐसी संभावना है कि रूस जल्द ही इन इलाकों को अपने देश का हिस्सा बनाए जाने का ऐलान कर देगा।
यूक्रेन की धरती पर पुतिन ने कराया जनमत संग्रह
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 सितंबर को जनमत संग्रह के प्रति अपना समर्थन जताया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाया गया, तो निस्संदेह हम रूस और हमारे लोगों की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई धोखा नहीं है। पुतिन ने चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों से हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश करने वालों को पता होना चाहिए कि हम भी उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।