लाहौर: पाकिस्तान में हिंदुओं पर जुर्म कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां ताजा घटना में 2 हिंदू कारोबारियों का अपहरण कर लिए जाने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि अज्ञात बदमाशों ने दोनों हिंदू कारोबारियों का बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया। अब उनकी रिहाई के एवज में बड़ी शर्त रख दी है। अभी तक पाकिस्तान सरकार की ओर से हिंदुओं की रिहाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अपहरणकर्ताओं ने दोनों हिंदुओं की रिहाई के लिए अपने साथियों को पुलिस हिरासत से रिहा करने की मांग की है। पुलिस के अनुसार यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर से 500 किलोमीटर दूर रहीम यार खान की है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रिजवान गोंडल ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘शुक्रवार को डकैतों ने हिंदू व्यापारी शमीर जी और धीमा जी का अपहरण कर लिया। बाद में डकैतों ने उन्हें छोड़ने के बदले अपने साथियों को रिहा करने की मांग की।’’ उन्होंने बताया कि इस अपहरण में सरगना काबुल सुखन शामिल है जिसके ऊपर पर एक करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम घोषित है।
पाकिस्तान ने गठित की टीम
पाकिस्तान पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ताओं के चंगुल से कारोबारियों को मुक्त कराने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। हाल ही में अपहृत पांच अन्य लोगों की सुरक्षित रिहाई के लिए पुलिस की एक टीम गठित की गई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘बदमाशों ने हिंदू और अन्य बंधकों का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वे पुलिस हिरासत से अपने साथियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। बदमाशों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बंधकों को जान से मार देंगे।’’ इससे उनके परिवारजन काफी घबराए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस जल्द ही अपहृत कारोबारियों को छुड़ा लेगी।
अपहरण के बढ़े मामले
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे सड़कों और रिहायशी इलाकों से अपहरण के साथ-साथ मोहपाश (हनी ट्रैप) में फंसा कर भी लोगों का अपहरण कर रहे हैं। इस बीच इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिए लोगों को अधिक सतर्क रहना होगा। ‘रहीम यार खान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के अध्यक्ष इकबाल हाफिज ने जिले में अपहरण के तेजी से बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारियों और उद्योगपतियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना प्रांत की जिम्मेदारी है। अपहरण के बढ़ते मामलों के चलते कई कारोबारी और उद्योगपति जिला छोड़कर चले गए हैं। क्योंकि कोई भी अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।’’ (भाषा)