Highlights
- तुर्की ने ग्रीस को हमले की धमकी दी
- दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद
- एर्दोआन ने तुर्की को खुली धमकी दी
Turkey Greece Fight: तुर्की और ग्रीस के बिगड़ते रिश्ते जल्द ही किसी जंग में तब्दील हो सकते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ग्रीस पर हमला करने की धमकी दी है, जिसके जवाब में ग्रीस ने कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार है। तुर्की और ग्रीस के बीच दशकों से कई मुद्दों को लेकर विवाद बना हुआ है, जिनमें एजियन सागर में क्षेत्रीय दावे और हवाई क्षेत्र पर असहमति शामिल हैं। बीती आधी सदी में इन दोनों पड़ोसियों के बीच हुई तनातनी ने नाटो के इन सहयोगियों को तीन बार युद्ध की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। एर्दोआन ने कहा है कि तुर्की, ग्रीस के कथित खतरों के जवाब में अचानक किसी रात यहां आ सकता है। ऐसे में तुर्की के इस देश पर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
एर्दोआन ने इससे पहले इसी तरह का बयान देते हुए संकेत दिया था कि तुर्की कुर्द लड़ाकों के खिलाफ सीरिया और इराक में सैन्य अभियान चला सकता है। वह कुर्द लड़ाकों को आतंकवादी कहता है और अपने अस्तित्व पर बहुत बड़ा खतरा समझता है। एर्दोआन ने ये धमकी भरी बातें सैमसन में हवाई तकनीक से जुडे़ कार्यक्रम में कही हैं। जहां तुर्की ने मानव रहित लड़ाकू जेट के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है। यहां एर्दोआन ने राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच ग्रीस पर भड़ास निकाली है। तुर्की ने अगस्त में ग्रीस पर क्रीत में रूस निर्मित एस-300 मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल कर तुर्की के लड़ाकू विमानों को लॉक करने का आरोप भी लगाया था।
तुर्की के विमानों को परेशान करने का आरोप
उसने ये भी कहा कि ग्रीस के एफ-16 विमानों ने पूर्वी भूमध्य सागर में नाटो मिशन के दौरान तुर्की के जेट विमानों को रडार लॉक में डालकर परेशान किया है। तुर्की ने ये शिकायतें नाटो से भी की हैं। ग्रीस ने भी तुर्की के ऊपर अपने वायुक्षेत्र के उल्लंघन का आरोप लगाया है। हालांकि नाटो के दोनों सदस्य देश तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव एक आम बात रही है। तुर्की का दावा है कि ग्रीस एजियन सागर में द्वीप पर सैन्यीकरण कर अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन कर रहा है। एर्दोआन ने शनिवार को कहा, 'आपके द्वीपों पर कब्जे से हम बंधने वाले नहीं है। जब समय आएगा, हम वो करेंगे जो जरूरी है। जैसे कि हमने कहा है, हम एक रात अचानक आ जाएंगे।'
एर्दोआन ने 1922 की घटना की तरफ किया इशारा
एर्दोआन ने आगे कहा, 'इतिहास को देख लें, अगर आप ज्यादा आगे बढ़े, तो उसकी भारी कीमत होगी। हमारे पास ग्रीस को कहने के लिए एक ही बात है: इजमिर (तुर्की का एक शहर) को न भूलें।' एर्दोआन ने 1922 में तुर्की की सेना द्वारा इस पश्चिमी शहर में ग्रीस की सेना पर कब्जा करने की करारी हार के संदर्भ में ये बात कही है। एर्दोआन और ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटानिस के बीच मार्च में इस्तांबुल में दोपहर के भोजन के दौरान दुर्लभ बातचीत हुई थी। लेकिन ये सकारात्मक दिखने वाली तस्वीर भी जल्द ही बदल गई।
मित्सोटानिस की अमेरिका यात्रा से नाराज हुए थे एर्दोआन
वहीं मई महीने में एर्दोआन ने कहा था कि वह अब मित्सोटानिस से बात नहीं करेंगे। उन्होंने ये बात तब कही, जब ग्रीस के प्रधानमंत्री एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान लेने की कोशिश में वाशिंगटन गए थे। तुकी ने ये भी आरोप लगाया कि वह अमेरिका इसलिए गए हैं, ताकि तुर्की के एफ-16 बेड़े को अपग्रेड करने के प्रयासों के खिलाफ पैरवी कर सकें। वहीं जुलाई में एर्दोआन ने कहा था कि तुर्की की ग्रीस के साथ जंग करने में कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन उन्होंने ये भी कहा था कि ग्रीस को तुर्की के वायुक्षेत्र का उल्लंघन करना बंद कर देना चाहिए।