तुर्की में रविवार को लोगों से खचाखच भरी सड़क पर जोरदार धमाका हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और करीब 81 लोग घायल हुए। मामला इस्तांबुल शहर का है। देश के गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि प्रतिबंधित संगठन कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (पीकेके) इस हमले के पीछे जिम्मेदार है। मामले में तुर्की ने 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें वो संदिग्ध भी शामिल है, जिस पर बम को रखने का आरोप था। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि हमले का आदेश सीरिया के कोबाने से दिया गया था। जो देश के उत्तरी क्षेत्र में मौजूद है। ये वही इलाका है, जहां तुर्की की सेना अपने सैन्य ऑपरेशन चला रही है।
तुर्की पिछले कुछ समय से सीरियाई कुर्द वाईपीजी मिलिशिया के खिलाफ अभियान चला रहा है। माना जाता है कि इस हमले के जरिए कुर्दों ने अपना बदला लिया है। सोयलू ने कहा, 'हमारी जानकारी के मुताबिक हमले के लिए पीकेके आतंकी संगठन जिम्मेदार है। तुर्की का मानना है कि वाईपीजी पीकेके का विस्तार है, जिसके साथ तुर्की पिछले तीन दशकों से संघर्ष कर रहा है। तुर्की के गृह मंत्री ने दावा किया कि हमलावर ने उत्तरी सीरिया के एक अन्य क्षेत्र अफरीन क्षेत्र में प्रवेश किया था।
1984 से पीकेके से परेशान है तुर्की
इस्तांबुल में हमला ऐसे समय में हुआ है, जब एर्दोगन के नेतृत्व वाली तुर्की सरकार ने हाल के महीनों में सीरिया और इराक में पीकेके के खिलाफ ड्रोन हमले और सैन्य अभियान तेज कर दिए हैं। तुर्की की सेना उत्तरी इराक में भी अभियान चला रही है और पीकेके को दक्षिण की ओर खदेड़ दिया गया है। तुर्की के दावे के बाद अभी तक किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। टेलीविजन पर दिख रही तस्वीरों में दिख रहा है कि एक महिला ने एक पैकेज पकड़ा हुआ है। यह इलाका पर्यटकों से भरा रहता है। पुलिस को इस महिला के घर से तमंचा और गोलियां मिली हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में कैश और सोना मिला है।
पुलिस ने संभवत: इस हमलावर को फेशियल रिकग्निशन तकनीक और जीपीएस डाटा की मदद से पकड़ा है। कुर्दिस्तान समर्थक पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वह विस्फोट में लोगों की जान जाने से दुखी है। उसने इसे आतंकवादी कृत्य करार दिया है। तुर्की ने वाईपीजी का समर्थन करने के लिए अमेरिका पर निशाना साधा है। आशंका जताई जा रही है कि तुर्की पर और हमले हो सकते हैं। तुर्की साल 1984 से पीकेके के कहर से जूझ रहा है और अब तक इसमें 40 हजार लोग मारे जा चुके हैं। पीकेके को तुर्की, यूरोपीय संघ और अमेरिका ने एक आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है।