तुर्की में बीते दिनों बीच सड़क पर जोरदार धमाका हुआ था। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 81 लोग घायल हुए। धमाका राजधानी इस्तांबुल की सड़क पर उस दौरान हुआ, जब वो लोगों से खचाखच भरी हुई थी। इसे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने आतंकी हमला करार दिया था। साथ ही पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया। अब खबर आई है कि दिन दहाडे़ हुए इस हमले से बौखलाए तुर्की ने दुनिया के दो देशों पर हवाई हमले कर दिए हैं। उसने सीरिया और इराक के उत्तरी क्षेत्रों पर हवाई हमले कर उन कुर्द समूहों को निशाना बनाया है, जो पिछले सप्ताह इस्तांबुल में हुए बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं।
यह जानकारी तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को दी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लड़ाकू विमानों ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके और सीरियन पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स या वाईपीजी के ठिकानों पर हमले किए। बयान के साथ एफ-16 विमान के उड़ान भरने की तस्वीरें और एक ड्रोन से हमले किए जाने की वीडियो फुटेज को भी जारी किया गया। अभी, किसी भी समूह ने इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।
अनुच्छेद 51 का हवाला दिया
मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत तुर्की के आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए शनिवार देर रात ‘क्लॉ-स्वॉर्ड’ नामक एक अभियान शुरू किया। इसने कहा कि इसके तहत उन क्षेत्रों को लक्षित किया गया, जिनका इस्तेमाल ‘‘आतंकवादी हमारे देश पर हमले करने के लिए करते हैं।’’ तुर्की ने कहा कि उसका प्रयास हमलों को रोकना, अपनी दक्षिणी सीमा को सुरक्षित करना और ‘‘आतंकवाद का स्रोत नष्ट करना’’ है। ये हवाई हमले ऐसे समय पर किए गए हैं, जब गत 13 नवंबर को इस्तांबुल के बीचों-बीच हुए एक बम विस्फोट में छह व्यक्तियों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
तुर्की के अधिकारियों ने पीकेके और उसके सीरियाई सहयोगी वाईपीजी पर हमले का आरोप लगाया है। हालांकि, कुर्द समूहों ने इसमें संलिप्तता से इनकार किया है। अंकारा और वाशिंगटन दोनों पीकेके को एक आतंकवादी समूह मानते हैं, लेकिन वाईपीजी की स्थिति पर असहमत हैं।