Highlights
- लोगों को डर है कि उनसे जबरन मतदान करवाया जाएगा या रूस की सेना में भर्ती कर लिया जाएगा
- रूस ने 2014 में यूक्रेन की क्रीमिया के विलय में भी कराया था जनमत संग्रह
- जनमत संग्रह का यूक्रेन शुरू से कर रहा है विरोध
Russia-Ukraine referendum: रूस-यूक्रेन युद्ध को सात माह से अधिक का समय गुजर चुका है। दोनों ही देशों को भयंकर तबाही झेलनी पड़ी है। बहुत से निर्दोष नागरिकों को भी इस युद्ध में अपनी जान गंवानी पड़ी है। यूक्रेन में हमले के बाद, क्रेमलिन द्वारा पुलिस की मदद से कराये जा रहे जनमत संग्रह और कब्जे में लिये जा चुके चार क्षेत्रों के रूस में विलय की संभावना के बीच वहां के लोगों को कठिनाइयों एवं राजनीतिक दमन का डर सता रहा है। इसे यूक्रेन के लोगों में भयंकर दहशत का माहौल है।
सात महीने से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई चल रही है। इन क्षेत्रों के कई नागरिक तथाकथित जनमत संग्रह शुरू होने से पहले वहां से जा चुके हैं। लोगों को डर है कि उनसे जबरन मतदान करवाया जाएगा या रूस की सेना में भर्ती कर लिया जाएगा। कुछ लोग छिप गये हैं । उन्हें लग रहा है कि ऐसा करने से घर -घर जाकर मत संग्रहण करने वाले सशस्त्र सैनिकों के सवालों का उन्हें जवाब नहीं देना होगा। शुक्रवार को निर्धारित मतदान से पूर्व रूसी कब्जे वाले खेरसोन शहर को छोड़ चुके पेट्रो कोबर्निक ने कहा कि रूसी कानून के अधीन रहने की आशंका और युद्ध के कारण बिगड़ते हालत ने उन्हें एवं अन्य को भविष्य को लेकर बेचैन कर दिया है।
स्थिति में तेजी से बदलाव का दावा
कोबर्निक ने फोन पर कहा, ‘‘स्थिति तेजी से बदल रही है और लोगों को डर है कि उन्हें रूसी सेना द्वारा या यूक्रेन के गुरिल्लों और आगे बढ़ रहे यूक्रेनी सैनिकों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाएगा । ’’ कोबर्निक ने कहा कि खेरसोन के नोवोत्रोइत्स्के गांव में जब कुछ रूसी अधिकारी सशस्त्र पुलिस के साथ मतपत्रों को लेकर पहुंचे तब उनके 70 वर्षीय पिता ने अपने घर का दरवाजा बंद कर दिया। रूस के नियंत्रण वाले लुहांस्क, खेरसोन, दोनेत्स्क एवं जापोरिज्जिया क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराए जाने की यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने निंदा की है । इस जनमत संग्रह को, इन क्षेत्रों के रूस में विलय के बहाने के रूप में देखा जा रहा है। मंगलवार को मतदान पूरा हो जाने के बाद ऐसी आशंका है कि रूस इन क्षेत्रों को अपना हिस्सा घोषित कर देगा। क्रेमलिन पहले ऐसी तरकीब आजमा चुका है।
रूस ने 2014 में भी कराया था जनमत संग्रह
रूस ने 2014 में यूक्रेन की क्रीमिया के विलय को सही ठहराने के लिए आनन-फानन में जनमत संग्रह कराया था। दुनिया के ज्यादातर देशों ने इस कदम को अवैध करार दिया था। इस बीच यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस के कब्जे वाले इन चारों क्षेत्रों के निवासियों से कहा है कि यदि उन्होंने मतदान किया तो वे आपराधिक दंड के भागीदार होंगे। उन्होंने उन्हें वहां से चले जाने की सलाह दी।