Sunday, February 16, 2025
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"अरब लीग" में फिर वापस लौटा "सीरिया", जानें मध्य-पूर्व में इस ऐतिहासिक बदलाव के क्या हैं मायने

करीब 12 साल तक अलग-थलग रहने के बाद सीरिया आखिरकार 7 मई को अरब लीग परिवार में फिर वापस आ गया है। अरब लीग के विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक में निर्णय लिया गया कि अरब लीग की परिषद और उसके सभी संगठनों और संस्थानों की बैठकों में भाग लेने के लिए सीरियाई सरकार के प्रतिनिधिमंडल की योग्यता तुरंत फिर से शुरू की जाएगी।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 10, 2023 8:23 IST, Updated : May 10, 2023 8:23 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

करीब 12 साल तक अलग-थलग रहने के बाद सीरिया आखिरकार 7 मई को अरब लीग परिवार में फिर वापस आ गया है। अरब लीग के विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक में निर्णय लिया गया कि अरब लीग की परिषद और उसके सभी संगठनों और संस्थानों की बैठकों में भाग लेने के लिए सीरियाई सरकार के प्रतिनिधिमंडल की योग्यता तुरंत फिर से शुरू की जाएगी। बाहरी दुनिया का मानना है कि सऊदी अरब और ईरान द्वारा शांति स्थापित करने के लिए पेइचिंग में हाथ मिलाने के बाद मध्य पूर्व सुलह प्रक्रिया में यह एक और मील का पत्थर है। सीरिया में इस्लामिक इस्टेट (आइएस) के लगातार बढ़ते आतंक और बेकाबू होते हालात के बाद यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि इसके बाद चीन की पैठ अरब देशों में और मजबूत हो गई है। जबकि यह अमेरिका के लिए किसी झटके से कम नहीं है।

यह आश्चर्य की बात नहीं है कि सीरिया अरब लीग के बड़े परिवार में वापस आया है। खुद सीरियाई संकट के ²ष्टिकोण से 2018 के बाद से सीरियाई सरकारी बलों ने देश के 70 प्रतिशत से अधिक भूमि पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, और विपक्ष पार्टी की शक्ति धीरे-धीरे कम हो गयी है। हाल के वर्षों में अरब देशों ने सीरिया सरकार से संपर्क करना शुरू कर दिया है। अधिकाधिक संकेत बताते हैं कि सीरिया के अरब लीग में लौटना सिर्फ समय की बात होगी। मध्य पूर्व में स्थिति के विकास के एक बड़े परिप्रेक्ष्य से, चीन की मध्यस्थता से सऊदी अरब और ईरान ने शांति बनाने के लिए हाथ मिलाया, जिसने सीरिया की अरब लीग में वापसी को सीधा बढ़ावा दिया है। चूंकि सऊदी अरब और ईरान सीरियाई संकट में विभिन्न राजनीतिक ताकतों का समर्थन करते हैं, इसलिए सऊदी-ईरान सुलह ने निस्संदेह सीरिया और अरब लीग देशों के बीच संबंधों को आसान बनाने का अवसर बनाया।

मध्य पूर्व में होंगे क्या बदलाव

वर्तमान दुनिया ने उथल-पुथल और परिवर्तन की एक नई अवधि में प्रवेश किया है और दुनिया के सामान्य रुझान को देखने वाले अरब देश जागृत हो गए हैं। लंबे अरसे से अमेरिका ने मध्य पूर्व के मामलों में अंधाधुंध दखल दिया है, टकराव और विभाजन को उकसाया है और अंतहीन संघर्षों और युद्धों को छेड़ा है। ऐसे में यह फैसला अरब देशों में बढ़ते चीन के दबदबे और अमेरिका की ढीली होती पकड़ को भी दर्शाता है।  मध्य पूर्व के लोग तेजी से जागरूक हो रहे हैं कि उन्हें अपने भाग्य को अपने हाथों में लेना चाहिए। सीरिया के पुन: अरब लीग के परिवार में वापस लौटने का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्वागत करता है। विश्लेषकों का मानना है कि इस विवेकपूर्ण कदम से सीरिया को क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने, अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करने और युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी। यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अरब लीग की शक्ति और प्रभाव को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।

यह सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधान पर आम सहमति बनाने और मध्य पूर्व की स्थिति में शैथिल्य लाने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल है। सऊदी अरब-ईरान के हाथ मिलाने और सीरिया की अरब लीग में वापसी तक, मध्य पूर्व के देशों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वे शांति और विकास चाहते हैं और अपने रास्ते पर चलते हैं। मॉडर्न डिप्लोमेसी वेबसाइट ने टिप्पणी की, जब मध्य पूर्व में अमेरिका का प्रभाव कम हो रहा है, मध्य पूर्व में समस्याएं हल हो रही हैं, और मध्य पूर्व का वसंत आ रहा है। मध्य पूर्व में उठ रहा सामंजस्य का ज्वार आज अमेरिका को याद दिलाता है कि समय वास्तव में अलग हैं।

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