Saturday, November 30, 2024
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सीरिया के अलेप्पो शहर पर हमले के बाद विद्रोहियों का कब्जा; खतरे में रूस-ईरान समर्थित राष्ट्रपति की कुर्सी

इजरायल-हिजबुल्लाह और इजरायल-हमास युद्ध के बीच मध्य-पूर्व में भारी उथल-पुथल की खबर सामने आ रही है। विद्रोहियों ने सीरिया के अलेप्पो शहर पर हमला कर दिया है और उन्होंने आधे से अधिक शहर पर अपना कब्जा जमा लिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 30, 2024 17:16 IST, Updated : Nov 30, 2024 17:16 IST
अलेप्पो यूनिवर्सिटी के पास खड़े विद्रोही सुरक्षाकर्मी। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS अलेप्पो यूनिवर्सिटी के पास खड़े विद्रोही सुरक्षाकर्मी।

दमिश्क: सीरिया के अलेप्पो पर शहर पर हथियारबंद विद्रोहियों ने बड़ा हमला कर दिया है। उन्होंने आधे से अधिक अलेप्पो शहर पर अपना कब्जा जमा लिया है। अलेप्पो यूनिवर्सिटी के सामने विद्रोही सुरक्षा बल तैनात हो गए हैं। इससे राष्ट्रपति बशर अल-असद गंभीर संकट में फंस गए हैं। इस बड़े हमले के बाद अफगानिस्तान की तर्ज पर अब सीरिया भी शासन परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। रूस और ईरान समर्थित सीरिया के राष्ट्रपति असद ने वर्षों से विद्रोहियों पर नियंत्रण रखने के लिए रूसी और ईरानी सेनाओं की मदद पर भरोसा किया है, लेकिन मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों ने उनके सहयोगियों को कमजोर कर दिया है। इससे विद्रोहियों को अलेप्पो पर हमले का मौका मिल गया है। 

सीरिया में अगले कुछ घंटे सत्ता परिवर्तन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं। बता दें कि सीरियाई इस्लामी विद्रोहियों का पिछले वर्षों में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के खिलाफ यह सबसे बड़ा हमला है। उन्होंने "अलेप्पो शहर के आधे हिस्से" पर नियंत्रण करने से पहले सरकार के कब्जे वाले कस्बों पर भी कब्ज़ा कर लिया है। ऐसे में राष्ट्रपति असद और उनके  रूस व ईरान जैसे सहयोगियों के लिए चार वर्षों में यह पहली बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।

आगे की ओर बढ़ रहे इस्लामी विद्रोही

हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोही इस्लामी समूह अलेप्पो पर कब्जे के बाद अब शेष सीरियाई विपक्ष के कब्जे वाले इदलिब क्षेत्र से आगे बढ़ रहे हैं, जहां विद्रोहियों का समर्थन करने वाले रूस और तुर्की के युद्धविराम पर सहमत होने के बाद से अग्रिम पंक्तियां काफी हद तक स्थिर हैं। शुक्रवार तक, विपक्षी लड़ाकों और उनके तुर्की समर्थित सहयोगियों ने उत्तर में 50 से अधिक कस्बों और गांवों पर कब्जा कर लिया था और अलेप्पो के पश्चिमी जिलों में प्रवेश कर गए थे। यहां लगभग दो मिलियन लोगों की आबादी रहती है। यह शहर युद्ध से पूर्व सीरिया का विनिर्माण केंद्र था। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, लड़ाकों ने महत्वपूर्ण प्रतिरोध का सामना किए बिना तेजी से अलेप्पो के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया है। 

सीरिया में गृह युद्ध

यह हमला सीरिया में मार्च 2011 में शुरू हुए गृहयुद्ध के बाद हुआ है, जब राष्ट्रपति असद के शासन ने डेरा शहर में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर खूनी कार्रवाई शुरू की थी। 1971 से सीरिया पर शासन करने वाले असद परिवार ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूर बलों का प्रयोग किया था। बावजूद प्रदर्शन जल्द ही पूरे देश में फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने अपने शहरों की रक्षा करने और सीरियाई सेना पर हमले शुरू करने के लिए खुद को हथियारबंद कर लिया था। इसके अगले महीनों में, विद्रोही सैकड़ों सशस्त्र समूहों में विभाजित हो गए। गृहयुद्ध के शुरुआती वर्षों के दौरान विद्रोही समूहों को बढ़त मिलने के साथ, बशर अल-असद ने अपने शासन को जीवित रखने के लिए अपने सहयोगियों से मदद मांगी। द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया के सबसे करीबी सहयोगी ईरान ने असद को अपनी पकड़ बनाए रखने में मदद करने के लिए सलाहकारों, हथियारों, अरबों डॉलर और सैनिकों को प्रदान करके युद्ध की शुरुआत से ही उनके शासन का समर्थन किया। 

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