सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) मौजूदा संघर्ष विराम को तीन और दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं, जो गुरुवार आधी रात को समाप्त हो गया था। सेना के जनरल कमांडर अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने बुधवार देर रात संघर्ष विराम के विस्तार के लिए 72 घंटे के लिए प्रारंभिक स्वीकृति दी। सेना ने गुरुवार को बयान में कहा कि अब इसके विस्तार को दोहराते हुए मंजूरी दे दी गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसके जवाब में आरएसएफ ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि वह गुरुवार आधी रात से मानवीय संघर्ष विराम को अतिरिक्त 72 घंटों के लिए बढ़ाने पर सहमत हो गया है।
सूडान में जारी संघर्ष में अबतक 459 लोग मारे गए
बयान में कहा गया है, "हम सूडानी लोगों की परिस्थितियों को देखते हुए और राजनयिक और विदेशी नागरिकों की निकासी की सुविधा के लिए मानवीय संघर्ष की शर्तों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।" बता दें कि वर्तमान युद्धविराम सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में लड़ाई को रोकने में विफल रहा, लेकिन इसने विदेशी देशों के लिए संघर्षग्रस्त देश से अपने राजनयिकों और नागरिकों को निकालने का मौका दे दिया। WHO के अनुसार, 15 अप्रैल को सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच हुए सशस्त्र संघर्ष में अब तक कम से कम 459 लोग मारे गए हैं और 4 हजार से अधिक घायल हुए हैं।
संघर्ष विराम के बावजूद दारफुर में हिंसा
वहीं दारफुर निवासियों ने बताया कि सूडान की सेना और अर्द्धसैनिक बल के बीच जारी संघर्ष के बीच युद्धग्रस्त दारफुर क्षेत्र में दोनों सशस्त्र बलों ने गुरुवार को एक दूसरे पर हमले किए और दुकानों एवं घरों में लूटपाट की। सूडान के दो शीर्ष जनरल के बीच हुए एक नाजुक संघर्षविराम समझौते के बावजूद यह हिंसा हुई। सत्ता को लेकर इन जनरल के संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है। जेनेना के दारफुर शहर में तबाही इस बात का इशारा करती है कि देश की राजधानी खार्तूम पर नियंत्रण को लेकर प्रतिद्वंद्वी जनरलों के संघर्ष के कारण कैसे सूडान के अन्य हिस्सों में भी हिंसा हो रही है। दोनों प्रतिद्वंद्वी पक्षों ने बृहस्पतिवार देर रात 72 घंटे के संघर्ष विराम को स्वीकार किया। हालांकि अमेरिका और सऊदी अरब की मदद से हुए इस समझौते के बावजूद हिंसा नहीं रुकी।
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