
काहिरा: सूडान की सेना ने लगभग दो साल की लड़ाई के बाद खार्तूम में ‘रिपब्लिकन पैलेस’ पर पुनः कब्जा कर लिया है, जो राजधानी में प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बलों का अंतिम गढ़ था। इससे अर्धसैनिक बलों के लड़ाई में कमजोर पड़ने का संकेत मिल रहा है। खार्तूम में कब्जे की जानकारी खुद सूडान की सेना ने दी है। बता दें कि ‘रिपब्लिकन पैलेस’ नील नदी के किनारे स्थित है और युद्ध शुरू होने से पहले यह सरकार का मुख्यालय था।
मगर सेना के तख्तापलट के बाद इस पर अर्धसैनिक बलों का कब्जा था। यह पैलेस अर्धसैनिक बलों का मुख्य गढ़ बना हुआ था। मगर अब ‘रिपब्लिकन पैलेस’ पर सेना ने फिर से कब्जा कर लिया है। ऐसा करना सूडान की सेना के लिए युद्ध के मैदान में एक और उपलब्धि है। सेना प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान के नेतृत्व में हाल के महीनों में सेना लगातार आगे बढ़ रही है। ‘रिपब्लिकन पैलेस’ पर सेना के कब्जा करने का अर्थ यह है कि जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ)’ को खार्तूम की राजधानी से बाहर निकाल दिया गया है।
सूडान में 2023 से चल रहा है गृहयुद्ध
सूडान में युद्ध अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था। आरएसएफ ने अपनी हार तत्काल स्वीकार नहीं की। बहरहाल, इस हार के बावजूद युद्ध संभवतः नहीं रुकेगा क्योंकि इस संगठन और उसके सहयोगियों का सूडान में अब भी कई क्षेत्रों पर कब्जा है। इस युद्ध में 28,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। कुछ परिवार देश के कई हिस्सों में फैले अकाल के कारण जिंदा रहने के लिए घास तक खाने को मजबूर हैं। (एपी)
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