Wednesday, October 30, 2024
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नई दिल्ली में पीएम मोदी से मिले श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे, इन मुद्दों पर हुई बात

भारत और श्रीलंका के संबंध फिर से नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले हैं। श्रीलंका शुरू से भारत का सहयोगी रहा है, लेकिन सत्ता बदलने के साथ श्रीलंका का सुझाव बीच में चीन की तरफ होने लगा था। मगर जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डूबने लगी तो भारत ने ही उसकी सबसे ज्यादा मदद की। इसका एहसास अब राष्ट्रपति रानिल विक्रम समेत उनके देश को है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: July 21, 2023 12:50 IST
पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : FILE पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे (फाइल)

भारत दौरे पर दो दिवसीय यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे ने आज नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों में वित्तीय एवं आर्थिक सम्पर्क, विकास सहयोग, नयी परियाजनाएं, निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। श्रीलंका को भरोसा है कि भारत के साथ उसके संबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी। अभी गत वर्ष श्रीलंका भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा था। वित्तीय व्यवस्था फेल होने के बाद श्रीलंका के राजनेताओं को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा था। जनता सड़कों पर उतर आई थी। अब भारत के 4 बिलियन डॉलर की मदद के बाद से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आने लगी है।

इससे पहले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बृहस्पतिवार भारत पहुंचे। पहले दिन उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उम्मीद है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी होने वाली मुलाकात दोनों देशों के बीच पड़ोसी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी, साथ ही भारत की ‘पड़ोसी पहले’ तथा सागर नीतियों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बातचीत के मुद्दों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि श्रीलंका, भारत का एक अहम पड़ोसी है और उसका महत्वपूर्ण स्थान है।

श्रीलंका ने भारतीय रुपये को विदेशी मुद्रा के रूप में किया अधिसूचित

बागची ने कहा कि श्रीलंका ने भारतीय मुद्रा रुपये को घोषित विदेशी मुद्रा के रूप में अपनी प्रणाली में अधिसूचित किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद का दायित्व संभालने के बाद रानिल विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे नयी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करेंगे और आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं अन्य गणमान्य लोगों के साथ चर्चा करेंगे। उसने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ और ‘सागर दृष्टिकोण’ में श्रीलंका एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह यात्रा दोनों देशों की दीर्घकालिक मित्रता की पुष्टि करेगी और सम्पर्क बढ़ाने तथा विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ आधारित सहयोग को विस्तार देने के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी। विक्रमसिंघे की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

श्रीलंका ने झेला सबसे बड़ा संकट

विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था। उसे 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। श्रीलंका ने पिछले साल अप्रैल के मध्य में पहली बार कर्ज अदा न कर पाने की घोषणा की थी। इस साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने उसे 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का राहत पैकेज दिया था। इस दौरान भारत ने ‘पड़ोस प्रथम’ की अपनी नीति के तहत विभिन्न माध्यमों से श्रीलंका को लगभग चार अरब डॉलर की मदद दी थी। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की आधिकारिक यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘‘यह यात्रा लंबे समय से जारी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाएगी और मजबूत करेगी। (भाषा)

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