सियोल: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में तनातनी जगजाहिर है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन आए दिन मिसाइल परीक्षण करने को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। उत्तर कोरिया लगातार अपने हथियारों के बेड़े को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाता जा रहा है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने ठोस ईंधन से संचालित मध्यम दूरी की एक नई हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था। दक्षिण कोरिया का हमेशा से यह कहना रहा है कि उत्तर कोरिया उसे उकसाने के लिए इस तरह के मिसाइल परीक्षण कर रहा है, इस तरह का परीक्षण कोरियाई प्रायद्वीप की शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।
बढ़ेगी दक्षिण कोरिया की सैन्य क्षमता
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के बीच दक्षिण कोरिया ने भी कुछ ऐसा किया है जिससे उसकी सैन्य क्षमता में इजाफा होना तय है। दरअसल, उत्तर कोरिया की तरफ से इस साल कई टोही उपग्रह प्रक्षेपित करने की अपनी योजना की पुष्टि किए जाने के कुछ दिनों बाद दक्षिण कोरिया ने अपना दूसरा सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित कर दिया है। दक्षिण कोरिया का यह सैन्य उपग्रह खासतौर पर उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखेगा।
जाने दक्षिण कोरिया की योजना
दक्षिण कोरिया का दूसरा जासूसी उपग्रह फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्थानीय समय के अनुसार रविवार शाम को प्रक्षेपित किया गया। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि उपग्रह को रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। ‘स्पेसएक्स’ के साथ एक अनुबंध के तहत दक्षिण कोरिया को 2025 तक पांच जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने हैं। दक्षिण कोरिया का पहला जासूसी उपग्रह पिछले साल एक दिसंबर को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से प्रक्षेपित किया गया था।
एक-दूसरे पर नजर रखने की कवायद
गौरतलब है कि, उत्तर कोरिया ने पिछले साल नवंबर और दक्षिण कोरिया ने पिछले साल दिसंबर में अपना पहला जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित किया था। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों ने कहा कि उनके उपग्रह एक-दूसरे पर नजर रखेंगे और उनकी मिसाइल से हमला करने की क्षमताओं को बढ़ाएंगे। एपी
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