चीन इन दिनों दुनिया के बड़े देशों के साथ ही छोटे देशों के साथ भी दूरगामी रणनीति के तहत सुरक्षा समझौता कर रहा है। इसमें दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीपीय देशों के साथ ही प्रशांत महासागर के देश भी शामिल हैं। सामरिक रूप से ये देश चीन के लिए कई मायनों में अहम साबित हो सकते हैं। इन देशों में चीन अपना एयरबेस बनाना चाहता है। इसलिए इन छोटे देशों से सुरक्षा समझौता करना चाहता है। इसी बीच एक छोटे से देश ने चीन को उसकी असलियत बता दी है। मात्र 9 लाख की आबादी वाले इस छोटे से देश ने चीन को आंख दिखाई है। साथ ही उसके साथ सुरक्षा समझौता भी रद्द कर दिया है।
चीन इन दिनों रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दुनिया के छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा समझौता कर रहा है। इसका प्रमुख मकसद इन देशों में अपनी पैठ को मजबूत कर चीनी मिलिट्र बेस स्थापित करने की है। चीन की इस चाल के बारे में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैस देश कई बार पूरी दुनिया को सतर्क कर चुके हैं। इस बीच लगभग 9 लाख की आबादी वाले एक छोटे से देश फिजी ने चीनी सुरक्षाा समझौता को रद्द कर दिया है। फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने कहा कि फिजी पुलिस फोर्स की सहायता के लिए हमें चीन के सरकारी सुरक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है। फिजी और चीन में 2011 में सुरक्षा समझौते को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद 2021 में चीन ने फिजी में एक चीनी पुलिस संपर्क अधिकारी को तैनात किया था।
फिजी के पीएम बोले-हमारी प्रणाली चीन से अलग
अब चीन के साथ सुरक्षा समझौता ज्ञापन को रद्द करने के बाद प्रधानमंत्री राबुका ने द फिजी टाइम्स से कहा कि हमें इस समझौते को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी प्रणालियां अलग हैं। लोकतंत्र की हमारी प्रणाली और न्याय प्रणाली अलग हैं इसलिए हम उनके पास वापस जाएंगे जिनके पास समान प्रणाली है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे अन्य देशों के अधिकारी रह सकते हैं क्योंकि उनकी व्यवस्था फिजी के समान है।
फिजी का भारत से पुराना नाता
फिजी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है। 18 हजार 264 वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश की कुल आबादी 9 लाख 25 हजार है। फिजी की खोज 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान डच और अंग्रेज खोजकर्ताओं ने की थी। गुलामी के दौरान अंग्रेजों ने काम के लिए भारत से बड़ी संख्या में लोगों को फिजी भेजा था। इसमें अधिकतर नागरिक उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। ऐसे में फिजी में भोजपुरी बोली का काफी ज्यादा प्रभाव है। फिजी मे बोली जाने वाली हिन्दी अवधी भाषा का ही एक स्वरूप है। फिजी मे अवध क्षेत्र का बहुत प्रभाव है, यहां रामायण का बोली पर भी बहुत गहरा प्रभाव है।
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